कोटा विधानसभा क्षेत्र के जूनाशहर मतदान केन्द्र पर दोपहर ढाई बजे मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं की लम्बी कतार लगी थी। वोट डालने के लिए भीड़ के बीच से बूथ में घुसने की कोशिश कर रही महिलाओं को रोकने के लिए सुरक्षा में लगे एकमात्र सिपाही को बार-बार लाठी लहरानी पड़ रही थी।


इनसे बात करने पर मालूम हुआ कि जो भी वोट डालने जा रहा है, उसे बूथ के भीतर कुछ ज्यादा ही समय लग रहा है। केन्द्र के भीतर मौजूद मतदान अधिकारियों ने बताया कि वीवी पैट को देखकर कई लोग भ्रम में पड़ जा रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि यह मशीन सिर्फ सही वोट पड़ने की पुष्टि करने के लिए है।

बाहर कतार में लगी महिलाओं ने बताया कि पिछली बार जब चुनाव हुआ, तब उन्होंने ईवीएम मशीन देखी थी, पर इस बार उसके साथ बगल कोई और भी मशीन लगी मिलेगी, यह उन्हें मालूम नहीं है। जाहिर है जब मशीन के होने के बारे में पता नहीं तो उसका काम क्या है यह भी उऩ्हें नहीं मालूम। इन महिलाओं का कहना है कि ईवीएम मशीन को भी उन्होंने पिछले चुनाव में ही देखा था। ईवीएम मशीन, वीवी पैट आदि का कोई प्रदर्शन किसी अधिकारी, कर्मचारी ने उनके गांव में नहीं किया, न ही बताया कि वोट किस तरह डाला जाना है। कोई दूसरी मशीन भी इस बार रहेगी और उसका काम क्या होगा।

इन महिलाओं ने बताया  कि वे डेढ़ दो घंटे से लाइन में लगी हैं। बूथ के भीतर पांच से अधिक महिलाओं को एक साथ नहीं भेजा जा रहा था। मतदान अधिकारी ने कहा कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है।

मालूम हो कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया था। इसके तहत नुक्कड़ नाटक, क्लबों के कार्यक्रम, नवरात्रि में डांडिया, मिठाई के डिब्बों पर स्लोगन, निमंत्रण पत्र जैसी मुहिम हुई थी। मगर, लगता है  कि जिला निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों ने अपनी सुविधा के लिए यह इसे सिर्फ शहरों और कुछ कस्बों तक सीमित करके रख दिया और गांवों तक वे या उनका पहुंच ही नहीं पाया, जहां इसकी ज्यादा जरूरत थी।

 

 

 

 

 

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