प्रायः सभी ट्रेनों में अलग महिला कोच की व्यवस्था रेलवे ने कर दी है, लेकिन यह कोच कहां है, ढूंढना मुश्किल होता है। अब रेलवे बोर्ड ने फैसला किया है कि महिला कोच को अलग रंग में रंगा जाएगा।

 

रेलवे की ओर से आज यह जानकारी दी गई है। हालांकि यह नया रंग कौन सा होगा, इसके बारे में कुछ साफ नहीं किया गया है पर यह गुलाबी या पीला हो सकता है।

बताया गया है कि रेलवे बोर्डे जल्द ही इस बारे में निर्देश जारी करेगा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने महिला कर्मचारियों एवं महिला यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये है। एक हेल्प लाइन के और सीसीटीवी कैमरा के जरिये पूरे प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जा रही है। वहीं महिला कर्मचारियों को भी बेहतर कार्य स्थल एवं कार्य स्थल पर बेहतर वातावरण का निर्माण किया जा रहा है ताकि महिला यात्री एवं कर्मचारी निर्भय होकर सफर कर सके एवं कार्य को समय नर संपादित कर सके।

रेलवे ने कहा है कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये तेजस्विनी ग्रुप तैयार किया गया है, जिसका नेतृत्वं एक महिला सब इस्पेक्टर कर रही है। इसमें 4 अन्य स्टाफ भी सम्मिलित हैं। इसी उददेश्य से 300 से अधिक सदस्यों का एक वाटसअप ग्रुप तेजस्विनी मंडल स्तर पर बनाया गया है। यह ग्रुप महिला यात्रियों की शिकायतों एवं सुझावों पर विशेष नजर रखता है। इनमें अधिकांश शिकायतें महिला कोच में पुरूष यात्रियों के प्रवेश की होती है। महिला कोच में अब तक लगभग 2972 पुरूष यात्रियों पर कार्रवाई की गई है। अब स्काँर्टिंग के दौरान भी महिला सुरक्षा बल कर्मियों की तैनाती की जा रही है। अभी तक 60 महत्वपूर्ण मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर गाडियों में रेल सुरक्षा बल द्वारा गश्त लगाई जा रही है तथा 20 गाडियों मे जीआरपी जवानों के द्वारा स्काउटिंग की जा रही है। इसके अलावा 182 हेल्प लाइन जारी की गई है जिसके जरिये चलती गाड़ी से मिली शिकायतों पर भी 24 घंटे निगरानी होती है।

 

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