जनदर्शन में आज लॉ का एक छात्र रमन सरकार द्वारा बांटे गए स्काई मोबाइल को लौटाने पहुंच गया। उसका कहना था कि चुनाव के समय युवाओं को गुमराह करने के लिए करोड़ों रुपए बेकार फूंके जा रहे हैं जबकि आज सबके पास मोबाइल फोन है। उसे रोजगार चाहिए। कलेक्टर से मिलकर लौटे छात्र का कहना है कि वह उनके व्यवहार से आहत होकर लौटा है। उसे यह कहकर भगा दिया गया कि यहां राजनीति करने आए हो?

छात्र भागीरथी ध्रुव कौशलेन्द्र राव पीजी महाविद्यालय का छात्र है। उसे भी कॉलेज के दूसरे छात्रों की तरह संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल फोन मिला है। आज वह अपना मोबाइल फोन लेकर कलेक्टोरेट पहुंचा। उसने जनदर्शन में बैठे अतिरिक्त कलेक्टर को आवेदन दिया तो उसे यह कहकर वापस भेज दिया गया कि यह आवेदन मुख्यमंत्री के नाम पर बना है। जन-दर्शन में आवेदन कलेक्टर के नाम पर होना चाहिए। इसके बाद भागीरथी दूसरा आवेदन लेकर पहुंचा, जो कलेक्टर के नाम पर है। उस समय तक कलेक्टर बैठ चुके थे। भागीरथी ने वहां से लौटकर बताया कि कलेक्टर उसके आवेदन को देखकर नाराज हो गए। उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि यहां राजनीति करने आए हो? उसे उल्टे पांव लौटा दिया गया। भागीरथी का कहना है कि वह राजनीति नहीं करता, किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। कलेक्टर उन्हें समझा सकते थे, पर मुझसे किस तरह बर्ताव किया गया है यदि वहां सीसीटीवी फुटेज हो तो आप देख सकते हैं। उनके व्यवहार से मैं आहत हूं।

भागीरथी ध्रुव ने कहा कि हम सबके पास मोबाइल फोन है, लेकिन उसके रिचार्ज के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। अगर हमें रोजगार दिया जाता तो हम परिवार वालों के लिए दो जून की रोटी और भाई बहन को अच्छी शिक्षा दिला पाते। छत्तीसगढ़ में स्थानीय युवकों को रोजगार के बहुत कम अवसर मिलते हैं, जबकि दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है। मोबाइल फोन पर फूंके जा रहे करोड़ों रुपए यदि रोजगार देने में खर्च किए जाते तो युवाओं को फायदा मिलता।

 

 

 

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