युवाओं में सकारात्मक सोच विकसित कर विपरीत परिस्थितियों में उनका मनोबल बनाए रखकर आत्महत्या की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में इसी विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम 28 अगस्त को आयोजित किया जा रहा है।

सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग के दो स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें आत्महत्या पर रोकथाम के लिए विभिन्न उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला जाएगा।

विश्वविद्यालय के ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक विकास विभाग में यह प्रशिक्षण होगा, जिसमें राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय के डॉक्टर बीआर नंदा और बीआर होतचंदानी बतौर विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। मनोवैज्ञानिक परामर्श केन्द्र की मुख्य समन्वयक प्रतिभा जे. मिश्रा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगीं।

विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता  विश्वविद्यालय में शांतिपूर्ण, अहिंसक एवं रैगिंग मुक्त वातावरण निर्मित करने का प्रयास कर रही हैं। इसी दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। यह कार्यक्रम उसी कड़ी का एक हिस्सा है। विश्वविद्यालय में 27 से 29 अगस्त तक जीवन कौशल विकास के विविध कार्यक्रम रखे गए हैं।

विश्वविद्यालय के मनोज्ञानिक परामर्श केन्द्र में खेल-खेल के माध्यम से अवसाद, तनाव प्रबंधन एवं अन्य किसी दुविधा पर परामर्श हेतु छात्रों के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

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