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खजुराहो महोत्सव में रायगढ़ घराने के कथक की प्रस्तुति से प्रिया श्रीवास्तव ने दर्शकों का मन मोहा

डॉ. प्रिया श्रीवास्तव, कथक नृत्यांगना बिलासपुर।

बिलासपुर। “कथा कहे सो कथक कहावे” कथक नृत्य की इस अवधारणा के साथ  बिलासपुर की युवा कथक नृत्यांगना डॉ. प्रिया श्रीवास्तव अपनी अप्रतिम नृत्य प्रस्तुतियों से लगातार नए सोपान तय कर रहीं हैं। प्रिया ने अभी, पिछले सप्ताह ही प्रसिद्ध खजुराहो नृत्य समारोह मे शिरकत कर रायगढ़ घराने की सुविख्यात नृत्य शैली “कथक” को अपने सम्पूर्ण अभिनय, नव-रसों , भावों-अनुभावों से युक्त मुद्राओं से मंच पर जीवंत स्वरूप प्रदान कर दर्शकों का मन मोह लिया।

डॉ. प्रिया ने खजुराहो नृत्य समारोह में अपनी प्रस्तुति को शिव-स्तुति से आरंभ किया। प्रारंभ में उन्होंने शिव-शंकर-भोलेनाथ-शंभू के विभिन्न अवतारों को दिखाने का प्रयास किया। उसके बाद रायगढ़ कथक घराने के राजा चक्रधर महाराज की विशेष बंदिशें, दल-बादल परन, पक्षी परन, त्रोटक, उपत्घात और पद संचालन को लयात्मकता और अर्थपूर्ण भाव-भंगिमाओं के साथ मनमोहक अंदाज़ मे प्रस्तुत किया। खजुराहो में उनकी अंतिम प्रस्तुति नव-रस गीत के रूप मे थी जिसमें भगवान शिव-शंकर और माता पार्वती के विवाह प्रसंग का पूरे शास्त्रोक्त भाव से वर्णन था।

डॉ. प्रिया श्रीवास्तव शीघ्र ही बिलासपुर में अरपा किनारे स्थित आर्य समाज के स्कूल में शास्त्रीय कलाओं, विशेष रूप से कथक नृत्य की अकादमी शुरू करने जा रही हैं। उनका कहना है कि बिलासपुर के युवाओं में प्रतिभा है उन्हें सही मार्गदर्शक और सही गुरु की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बिन गुरु ज्ञान नहीं,  लेकिन शिष्य का गुरु के प्रति समर्पण भाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि बिलासपुर से भी अच्छे कलाकार निकलेंगे और देश-दुनिया मे यहाँ का नाम रौशन करेंगे ।

बिलासपुर निवासी डॉ. प्रिया श्रीवास्तव ने इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से कथक नृत्य में बीए, एमए, एमफ़िल और पीएचडी कर एक उम्दा कथक नृत्यांगना का खिताब हासिल किया। देश-विदेश मे अनेकों स्टेज-शो कर उन्होने खूब वाहवाही बटोरी हैं । उनकी गुरु इन्दिरा कला संगीत विश्वविध्यालय की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति बक्शी हैं। वर्ष 2011 मे प्रिया ने ओपन यूथ फेस्टिवल उदयपुर मे छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और गोल्ड मेडल हासिल किया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से उन्होंने भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए चीन के शहर बीजिंग, शंघाई आदि स्थानों मे अपने नृत्य की प्रस्तुतियां दी है।

डॉ प्रिया दूरदर्शन आर्टिस्ट भी हैं। उन्होंने चक्रधर समारोह रायगढ़, कालिदास समारोह नागपुर और उज्जैन, एलीफेंटा महोत्सव मुंबई, उदयशंकर महोत्सव कोलकाता, सिरपुर महोत्सव, नालंदा महोत्सव, बिहार आदि देश के संगीत समारोहों मे भागीदारी की है।

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