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“दिल के धड़कन की तरह कविता में भी लय का होना जरूरी, वरना वह अपना असर नहीं छोड़ती”

कवि नरेश सक्सेना वनमाली सृजन पीठ में।

कवि नरेश सक्सेना ने वनमाली सृजन पीठ में किया काव्य पाठ

विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव और बिलासपुर कमिश्नर सहित काव्य प्रेमियों ने किया रसपान                                    

बिलासपुर । वनवाली सृजन पीठ  में सोमवार की शाम को देश के जाने-माने कवि नरेश सक्सेना का एकल काव्य पाठ हुआ । इस अवसर पर उनकी कविताओं का काव्य प्रेमियों ने उसका रसपान किया। उन्होंने इस मौके पर कविता और कविता लेखन की अनेक गूढ़ बातों को साझा किया ।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि असल कविता तो वह होती है जो अपना रास्ता बना लेती है और अपना प्रभाव डाले बिना नहीं रह सकती। कोई भी कविता लय से बाहर नहीं होनी चाहिए और यह तभी संभव है जब कविता लेखक को लय का पूरा ज्ञान हो। दिल के धड़कन की गति जब अधिक हो जाए तब भी शरीर में दिक्कत होती है और गति कम हो जाए तब भी दिक्कत होती है। ठीक इसी तरह कविता में एक निश्चित लय बेहद जरूरी है।

उन्होंने युवाओं से कहा कि कविता लिखने के लिए सबसे पहले अच्छे कवियों की कविता पढ़ना और उसे समझना बेहद जरूरी है।  कविता छोटी मोटी लाइनों के फार्म में नहीं होती वह  लयबद्ध होती हैं। कविता को रमणीय नहीं बनाएंगे तो वह स्मरणीय नहीं होगी।

उन्होंने बताया कि मेरे दो काव्य संग्रह मेरे मित्रों ने प्रकाशित कराए हैं । अब तीसरी किताब तैयार है पर उसे मेरे मित्र का इंतजार है। उन्होंने अपनी कविता शिशु और दाग धब्बे का पाठ किया।  कार्यक्रम में अध्यक्ष की आसंदी से डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि आज युवाओं को तकनीक के साथ साहित्य और कविताओं में रुचि लेनी चाहिए तभी हम एक संवेदनशील समाज की स्थापना कर पाएंगे। वर्तमान में सब कुछ मशीनरी होता जा रहा है ऐसे में रचनात्मकता की जरूरत है ।

कार्यक्रम में उपस्थित कमिश्नर टी सी महावर ने कहा कि वनमाली सृजन पीठ में निरंतर  साहित्यकार और कवियों का आगमन हो रहा है। बड़े हर्ष की बात है कि ऐसी बड़ी हस्तियों  का सानिध्य यहां के लोगों को प्राप्त हो रहा है ।

डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि वनमाली सृजन पीठ ने स्थापना के बाद से ही बिलासपुर के साथ पूरे प्रदेश में साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। यह कार्य निरंतर जारी रहेगा  ताकि हम युवा पीढ़ी को साहित्य और इसके सभी पहलुओं से सीधे-सीधे जोड़ सकें।

कार्यक्रम में वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष सतीश जायसवाल ने वनमाली सृजन पीठ की गतिविधियों की जानकारीअतिथियों को दी । इस अवसर पर सहित बड़ी संख्या में काव्य प्रेमी उपस्थित थे।।

विख्यात कहानीकार ममता कालिया पहुंचीं वनमाली सृजन पीठ

देश की विख्यात साहित्यकार ममता कालिया का भी वनमाली सृजन पीठ में आगमन हुआ। इस अवसर पर उन्होंने वनमाली सृजन पीठ का भ्रमण कर इस पहल पर वनमाली परिवार को शुभकामनाएं दीं। ममता कालिया वनमाली कथा सम्मान से सम्मानित हैं।

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