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सख्त सुरक्षा इंतजाम के बीच ईवीएम स्ट्रॉग रूम में 20 दिनों के लिए कैद, कोनी में देररात तक चहल-पहल

कोनी स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में मतदान कर लौटे दल ईवीएम मशीनों को देर रात तक जमा कराते रहे।

मतदाताओं पर दबाव डालने वाले दो अधिकारियों पर कार्रवाई

मंगलवार 20 नवंबर को जिले में मतदान की प्रक्रिया बिना किसी अप्रिय घटना के पूरी कर ली गई। अब स्ट्रॉग रूम में ईवीएम मशीनें लाई जा रही है यह सिलसिला देर रात तक चला।

बिलासपुर जिले के भीतर स्थित सभी मतदान केन्द्रों की ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखा जा रहा है। मतदान दलों का दूर-दराज के बूथों से पहुंचना जारी है। ईवीएम मशीनों को विधानसभावार अलग-अलग कर स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा। ये मशीनें 11 दिसंबर की सुबह तक यहीं कड़ी सुरक्षा में रखी रहेंगी। इसके लिए सशस्त्र बल की तैनाती यहां की गई है। सभी पांच राज्यों में मतदान हो जाने के बाद 11 दिसंबर को मतगणना तय की गई है। मतों की गिनती भी इसी जगह पर होगी। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से मुंगेली जिले में आते हैं, जिनकी ईवीएम मशीनें फिलहाल मुंगेली में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखा जा रहा है। इन मशीनों को मतगणना के पहले बिलासपुर लाया जाएगा और यहीं पूरी गिनती होगी।

दूसरी ओर मरवाही विधानसभा क्षेत्र के सेमरा मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मंडावी और धनौली के एक मतदान दल कर्मचारी कमल किशोर तिवारी के खिलाफ आज सुबह शिकायत मिलने पर जिला निर्वाचन अधिकारी पी. दयानंद ने उन्हें निर्वाचन कार्य से अलग कर दिया। अब इन दोनों के खिलाफ जांच कर आगे कार्रवाई की जाएगी। इन दोनों पर आरोप था कि वे मतदाताओं को एक पार्टी विशेष में वोट डालने के लिए कह रहे थे।

 

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