कहा-चुनाव नहीं लड़ा ,पर विरासत कभी त्यागी नहीं 

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश के कद्दावर नेता रहे स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के पुत्र सुनील शुक्ल ने उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर पिता की विरासत संभालने की इच्छा जताई है।

सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा है कि यदि वर्तमान विधायक डॉ.रेणु जोगी को कांग्रेस टिकट नहीं देती है तो वे इस जगह से चुनाव लड़ने के लिए स्वाभाविक दावेदार हैं।


स्व. शुक्ल का निधन 20 अगस्त 2006 को हुआ था। आज उनकी 12वीं पुण्यतिथि है। न केवल कोटा और बिलासपुर जिला बल्कि पूरे प्रदेश में उन्हें एक विद्वान और प्रखर राजनेता के रूप में जाना जाता है। उनमें अद्भुत नेतृत्व व प्रशासनिक क्षमता थी। उन्होंने अनेक पुस्तकें लिखीं और एक कवि के रूप में भी जाने जाते हैं।

स्व. शुक्ल के निधन के बाद उनके पुत्र सुनील शुक्ल को कोटा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए स्वाभाविक रूप से उपयुक्त उम्मीदवार समझा गया। भारी कशमकश के बाद नामांकन दाखिले के अंतिम दिन सुनील शुक्ल ने अपना नाम वापस ले लिया।

शुक्ल का कहना है कि कोटा से पिता जी की विरासत को उन्होंने और उनके परिवार ने कभी नहीं त्यागा। हाईकमान की इच्छा के अनुसार उनके निर्देश को मानते हुए उन्होंने तब कोटा से अपनी दावेदारी वापस ले ली थी, लेकिन वहां के लोगों से सम्पर्क कभी नहीं टूटा। क्षेत्र के लोग अब स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल को याद करते हैं। यदि हाईकमान इस बार वर्तमान विधायक डॉ. रेणु जोगी को टिकट नहीं देती है तो कोटा से वे स्वाभाविक दावेदार हैं और कोटा के लोग चाहते हैं कि पिता जी के सपनों को पूरा करने के लिए मैं आगे बढ़ूं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में इस मौजूदा विधायक डॉ. रेणु जोगी की दुविधापूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रदेश कांग्रेस का रुख उनके पक्ष में दिखाई नहीं देता है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस यहां से कोई अन्य प्रत्याशी खड़ा कर सकती है।

 

 

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