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हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वकीलों को सहायता नहीं मिली, महाधिवक्ता ने बार कौंसिल को कड़ा पत्र लिखा

सतीश चंद्र वर्मा, महाधिवक्ता, छत्तीसगढ़।

कांग्रेस विधि विभाग अध्यक्ष ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात का हवाला देकर जल्द प्रस्ताव भेजने की मांग की

बिलासपुर। महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के सदस्यों को एक कड़ा पत्र लिखकर हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप प्रदेश के अधिवक्ताओं की सहायता के लिए प्रस्ताव देने के लिए कहा है ताकि इसकी कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सके। कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश अध्यक्ष संदीप दुबे ने भी एक अलग पत्र में हवाला दिया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिवक्ताओं की मदद के लिए आश्वस्त किया है, इसलिये प्रस्ताव शीघ्र भेजें।

कोरोना महामारी के कारण विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों पर भी संकट आया है। उपलब्ध अलग-अलग फंड तथा शासन स्तर पर अधिवक्ताओं की सहायता के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ बार कौंसिल को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाना है। 6 मई को हाईकोर्ट ने अधिवक्ता राजेश केशरवानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश भी दिया था कि छत्तीसगढ़ बार कौंसिल 2 सप्ताह के भीतर महाधिवक्ता को प्रस्ताव सौंपे। बार कौंसिल सदस्यों को भेजे गये पत्र में महाधिवक्ता ने कहा है कि उन्हें अब तक कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है जबकि निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर इस संकटकाल में हम जो उचित सहायता अधिवक्ताओं की कर सकते हैं, करें। अनेक राज्यों में बार कौंसिल अधिवक्ताओं की सहायता के लिए कदम उठा चुकी है। महाधिवक्ता ने प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने कहा है ताकि उस पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

दूसरी ओर छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश अध्यक्ष संदीप दुबे ने भी बार कौंसिल को पत्र लिखकर यही मांग की है। इसकी प्रतिलिपि उन्होंने छत्तीसगढ़ बार एसोसियेशन, विधि मंत्री और महाधिवक्ता को भी दी है। दुबे ने कहा है कि मदद पहुंचाने की प्रक्रिया तीन माह से चल रही है लेकिन अब तक यह पूरी नहीं हो सकी है। हाल ही मुख्यमंत्री बघेल ने अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि उन्हें हरसंभव मदद दी जायेगी, इसलिये प्रस्ताव तुरंत भेजा जरूरी है।

ज्ञात हो कि कोरोना संकट के चलते अदालतों में कामकाज बंद होने के कारण अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने तथा ब्याज मुक्त कर्ज देने की मांग लगातार की जा रही है।

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