रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज लोकतंत्र सेनानी, मीसाबंदियों ने मुलाकात कर अपनी सम्मान निधि पुनः शुरू करने के लिए आभार व्यक्त किया।
विगत 6 मार्च  को मंत्रिपरिषद की बैठक में उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और पूर्व वर्षों की बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया था। इसके परिपालन में सभी कलेक्टरों को बकाया राशि और मासिक सम्मान निधि का आवंटन कर दिया गया है।मुलाकात के दौरान साय ने कहा कि हम लोकतंत्र को सर्वोपरि मानते हैं तथा हम लोकतांत्रिक भावनाओं के पोषक हैं। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र पर जब संकट आया तब हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने अनेक कष्ट और यातनाएं सहते हुए लोकतंत्र की रक्षा की। इन सेनानियों को मिलने वाली सम्मान निधि को बंद करके कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने एक बार फिर अपनी तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी रवैये को दोहराया था। कांग्रेस की सरकार ने ही देश में आपात काल लागू किया था, जिसके कारण हमारा लोकतंत्र संकट में आ गया था।

इस अवसर पर लोकतंत्र प्रहरी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा राष्ट्रीय संयोजक सच्चिदानंद उपासने, लोकतंत्र सेनानी संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी आदि उपस्थित थे।

लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा वर्ष 2008 से मीसाबंदियों को सम्मान निधि प्रदान की जा रही थी, जिसे वर्ष 2019 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था। प्रदेश की सत्ता में आते ही भूतलक्षी प्रभाव से लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि बहाल करने का निर्णय लिया गया था।

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