बिलासपुर। ‘बावरा मन’ के वर्चुअल मंच में शनिवार को रफ़ी साहब की याद को युवा गायक स्वराज सिंह ठाकुर ताज़ा करेंगे। रविवार 2 अगस्त को बावरा मन के अध्यक्ष पी. रामा राव अपनी पुत्री श्रुति और पुत्र शेषाद्रि के साथ पुराने तरानों को प्रस्तुत करेंगे।

स्वराज सिंह, श्रुति और शेषाद्रि, तीनों नई उम्र के कलाकार हैं। स्वयं रामा राव प्रख्यात गायक हेमंत कुमार के गीतों को बहुत बेहतर अंदाज़ में निभाते हैं।

बावरा मन का ऑनलाइन संगीत सफ़र ‘उमंग-20’ विगत एक माह से जारी है। प्रति शनिवार और रविवार को होने वाले कला-संगीत के इस अनूठे कार्यक्रम के अभी तक 10 एपिसोड प्रसारित चुके हैं। देश-विदेश के करीब 40 हजार से भी अधिक सुधि श्रोता बावरा मन के फेसबुक पेज में इसका जीवंत प्रसारण देख-सुन चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया, फेसबुक, यू-ट्यूब और व्हाट्सएप में हजारों की संख्या में उमंग-20 को व्यूज़ , लाइक , कमेंट्स और शेयर मिल चुके हैं।

बिलासपुर के स्वराज सिंह ठाकुर ने खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से गीतांजलि और संगीत विशारद की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने अपने गुरु एम. रामा राव से सुगम संगीत के गुण सीखे। एम. रामा राव फ़िलहाल अमेरिका के बोस्टन शहर में “संगीत-गुरु” हैं। स्वराज ने पिछले 15 अगस्त को “संदेशे आते हैं…” गीत का एक वीडियो एल्बम यू-ट्यूब में रिलीज़ किया था।

शास्त्रीय और सुगम संगीत के सभी पक्षों की गहरी समझ रखने वाले रामा राव इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सर्विलांस सॉल्यूशन्स का व्यवसाय करते हैं। उनकी पुत्री श्रुति प्रभला बिलासपुर के भातखंडे संगीत महाविद्यालय से बैचलर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स में द्वितीय वर्ष की छात्रा है। संगीत में गहन रुचि और इसी में अपने भविष्य नियोजन का सपना संजोये श्रुति वर्तमान में गुरु-शिष्य परम्परा के तहत आईटीसी-संगीत रिसर्च अकादमी, कोलकाता के संगीत प्रशिक्षक आगरा घराने के गुरु उस्ताद वसीम अहमद खान से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रही है।  रामा राव के पुत्र शेषाद्रि भी कला–संगीत के क्षेत्र में संभावनाओं से भरपूर कलाकार हैं। उनका एक  काव्य संग्रह ‘परिंदा’ भी प्रकाशित हो चुका है .

बावरा मन के सचिव राजेश दुआ ने रुचिसंपन्न श्रोताओं और दर्शकों से शनिवार और रविवार की शाम को इस अनूठे वर्चुअल कंसर्ट का हिस्सा बनने का आग्रह किया है।

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