Home अपडेट बिलासपुर एयरपोर्ट मामला: हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों से मांगा शपथपत्र में जवाब,...

बिलासपुर एयरपोर्ट मामला: हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों से मांगा शपथपत्र में जवाब, नहीं तो अधिकारियों को खुद होने पड़ेगा पेश

High court of Chhattisgarh

बिलासपुर. बिलासपुर में एयरपोर्ट बनाए जाने के लिए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई, जिसमें पक्षकारों की ओर से पेश अधिवक्ताओं के जवाब से नाराज अदालत ने अगली सुनवाई में सभी से शपथपूर्वक कोर्ट को जबाव देने को कहा. मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.

मामले में अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 मार्च को जब मामला लगा था, तब राज्य सरकार ने बताया था कि एयरपोर्ट 3सी के लाय़क है, और इसके लिए हम आवेदन कर रहे हैं, और 4 सी कैटेगरी के लिए अपग्रेड कर देंगे. इसके अलावा राज्य सरकार ने यह कहा था बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए और भी जमीन की जरूरत है, उसे हम एयरपोर्ट अथारिटी को दे देंगे, उसके बाद से आज तक कुछ नहीं हुआ. तीसरा मुद्दा मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन, डीजीसीए और एयरपोर्ट अथारिटी ने कहा था हम कम के कम समय में हम इसे ऑपरेशन कर देंगे. लेकिन शासन न तो खुद आवेदन दे रहा है, न जमीन दे रहा है, न एयरपोर्ट को एयरपोर्ट अथारिटी को दे रहा है.

हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार की ओर से दायर की गई जनहित याचिका में सुनवाई हुई, जिसमें 17 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में दिए गए न्यायालय के आदेश का सिविल एविएशन एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा पालन नहीं किए जाने की जानकारी बार की ओर से सुदीप श्रीवास्तव एवं संदीप दुबे ने और कमल दुबे की तरफ से आशीष श्रीवास्तव ने दी. न्यायालय ने इस पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि 6 माह से कोविद-19 का बहाना बार-बार नहीं ले सकते. पिछले आर्डर के अनुसार, एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जो तकनीकी मुद्दे उठाये है, केंद्र और डीजीसीए उस पर जवाब दे और प्रोग्रेस रिपोर्ट बताये. इस पर बताया गया कि जिला प्रसाशन के द्वारा किया जा रहा निर्माण किया बहुत ही धीमी गति से चल रहा है.

केंद्र के वकील गोपा कुमार ने बताया कि जुलाई 2019 को सेंट्रल जोन की बैठक हए थी, जिसमें प्रदेश के मुख्यसचिव ने डीजीसीए की बात को मानते हुए एयरपोर्ट निर्माण का कार्य एयरपोर्ट अथॉरिटी को देने को तैयार हुए, लेकिन उसके बाद राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया. उन्होंने दलील दी कि अगर एयरपोर्ट अथॉरिटी एयरपोर्ट को बनाती है तो अच्छा होगा क्योॆकि राज्य एक्सपर्ट नहीं है, और हम स्पेशल डॉप्लर लाइट लगाकर नाईट लैंडिंग करवाने के साथ 4c लाइसेंस मिल जाएगा. इस पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि हम 15 दिन में कार्य पूरा करके 3c का लाइसेंस के लिए आवेदन देंगे. इस पर केंद्र के वकील ने कहा कि उसके बाद 20 दिन में हम लाइसेंस दे देंगे.

महीनों से एयरपोर्ट का काम बंद पड़ा है.

इस पर अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और संदीप दुबे ने बताया कि केंद्र जिस एयरस्ट्रिप पर टेकऑफ लैंडिंग की बात कर रही है, उसे 1998 में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. दरअसल, सीपत में एनटीपीसी का प्लांट की चिमनी की ऊँचाई 267 मीटर होने से पुराने एयरस्ट्रिप पर हवाई जहाज नहीं उतर पाएंगे. इस पर केंद्र के वकील ने अनभिज्ञता जताई. तब न्यायालय ने आदेशित किया कि अगली सुनवाई में सभी शपथपूर्वक जानकारी देंगे, अगर नहीं दे पाए तो एयरपोर्ट और सिविल एविएशन के अधिकारी कोर्ट में उपस्थित रहेंगे

NO COMMENTS