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कॉलेज के खेल मैदान को बेचने पर हाईकोर्ट डीबी ने अंतरिम रोक लगाई

हाई कोर्ट, बिलासपुर, छत्तीसगढ़।

सिंगल बेंच के खिलाफ राज्य शासन की ओर से अपील

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज के मैदान की रजिस्ट्री पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि इसकी रजिस्ट्री हो गई हो तो उसे फैसला आने तक शून्य घोषित किया जाए।
मालूम हो कि शहर से रायपुर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित 2.38 एकड़ जमीन की कीमत आज करोड़ों रुपये है। इसे 70 साल पहले शिव भगवान रामेश्वर लाल चैरिटेबल ट्रस्ट ने खेल मैदान के रूप में उपयोग करने के लिए दान में दिया था। वर्तमान में इसका खेल मैदान के ही रूप में इस्तेमाल हो रहा है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने वर्ष 2019 में एसडीएम कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत कर इसे बेचने की अनुमति मांगी थी। एसडीएम के फैसले को ट्रस्टी कमल बजाज, चिराग बजाज और अनन्या बजाज ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने शासन से जवाब मांगा था। शासन से जवाब नहीं आने पर हाईकोर्ट ने ट्रस्ट को जमीन बेचने की अनुमति दे दी। इसके बाद फिर से ट्रस्टियों ने जमीन बेचने की प्रक्रिया शुरू की। इसकी जानकारी मिलने पर खिलाड़ियों, छात्रों व नागरिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। ट्रस्टी के परिवार के अन्य सदस्यों ने, जो ट्रस्ट में सदस्य नहीं हैं उन्होंने अदालत में जानकारी दी कि ट्रस्ट के बायलॉज में  कहा गया है कि पिता के रहते पुत्र को ट्रस्टी नहीं बनाया जा सकता, जबकि ट्रस्ट में कमल बजाज और उनका पुत्र चिराग बजाज भी ट्रस्टी है। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ राज्य शासन की ओर से डिवीजन बेंच में अपील की। इसमें जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की मांग की गई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की डबल बेंच ने निर्णय आते तक रोक लगाई है।

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