बिलासपुर। पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में पदस्थ आरक्षक ने डीजीपी कोटे से पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर कई बेरोजगार युवकों से ठगी कर ली। अब तक 21 बेरोजगारों से 1 करोड़ 13 लाख रुपये की ठगी का पता चल चुका है। आरोपी पहले भी एक पार्षद और नगर निगम कर्मचारी की मदद से इसी तरह ठगी कर चुका है। इस बार आरोपी कांस्टेबल के जीजा को शामिल पाया गया है। 

सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि मस्तूरी क्षेत्र के रहने वाले महेश पाल और दूसरे बेरोजगार युवकों ने शिकायत की है कि आईजी ऑफिस में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला ने उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी लगाने का आश्वासन देकर रुपये वसूले। आरक्षक ने युवकों से एक करोड़ 13 लाख की वसूली की। वह आश्वस्त करने के लिए उन्हें फर्जी सलेक्शन लिस्ट भी दिखा रहा था। जब नौकरी नहीं लगी तो उन्हें पैसे वापस मांगे। इस बीच आरक्षक इसी तरह की ठगी के दूसरे मामले में जेल चला गया था। उस मामले में नगर निगम का एक भाजपा पार्षद और एक कर्मचारी भी शामिल थे। जेल से छूटने के बाद पीड़ित बेरोजगार युवक फिर पैसे मांगने लगे। वे आरोपी के जीजा रमाशंकर पांडेय से मिले, जिनकी मौजूदगी में पैसे दिये गए थे। दोनों ने पैसे वापस करने में फिर आनाकानी की।  पीड़ितों ने इसकी शिकायत आईजी से की। इसके बाद सीएसपी ने प्रकरण की जांच की। इसके बाद आरक्षक पंकज शुक्ला और उसके जीजा रमाशंकर पांडेय के खिलाफ धारा 120 बी व धारा 420 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर सिविल लाइन पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

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