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दुर्ग संभाग के 400 बच्चे रुकेंगे पांच छात्रावासों में, जगदीश लॉज से 15 बच्चों को छुट्टी मिली

द जैन इंटरनेशनल स्कूल छात्रावास में की गई व्यवस्था का जायजा लेते हुए विधायक शैलेष पांडेय।

बिलासपुर। कोटा राजस्थान के विभिन्न कोचिंग करने गये बच्चे एक माह के लॉकडाउन के बाद आज रात छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। बिलासपुर में दुर्ग संभाग के चार सौ बच्चों को 14 दिन क्वारांटीन पर रखा जायेगा। इन्हें इस अवधि में कोई दिक्कत न आये इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है।

इन छात्र-छात्राओं को कैरियर प्वाइंट शाला परिसर ढेका, लालखदान, जैन इंटरनेशनल स्कूल सकरी, एलसीआईटी बोदरी, जगदीश लॉज सदरबाजार एवं सेंट जेवियर्स स्कूल भरनी के छात्रावास में ठहराने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने आज इन बच्चों के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को जवाबदारी सौंपी।

बिलासपुर में दुर्ग संभाग के 400 से अधिक बच्चों को इन स्थानों पर क्वारांटीन किया जायेगा। इनमें लगभग 175 छात्राएं हैं। छात्र एवं छात्राओं के लिए ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है। सभी बच्चों का सबसे पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा और कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड टेस्ट होगा। इन सेंटरों में 18 स्वास्थ्य टीमें तैनात की गई हैं था 40 डॉक्टर भी अपनी सेवाएं देंगे। । सभी बच्चों के टेस्ट की जानकारी गूगल शीट पर तैयार की जायेगी, जिससे उनका डेटा ऑनलाइन सर्च किया जा सकेगा।

बच्चों के लिए तैयार किये सभी कमरों में मास्क, सैनेटाइजर, डेटॉल, साबुन, डस्टबिन आदि आवश्यक वस्तुएं रखी गई है। हर सेंटर में बच्चों के लिए नमकीन, बिस्कुट, चिप्स आदि खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके लिए महिला स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी गई है।

इन स्थानों पर रोके जा रहे छात्र-छात्राओं के मनोरंजन के लिए इनडोर गेम शतरंज, कैरम, लूडो आदि की व्यवस्था की गई है, साथ ही योग व व्यायाम कराने के लिए व्यायाम शिक्षक भी तैनात किये गये हैं।

आदिवासी विकास विभाग व शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी इन छात्रावासों में व्यवस्था देखने के लिए लगाई गई है, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करेंगे। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा  के लिए यहां पुरुष तथा महिला गार्ड भी तैनात रहेंगे।

बसों में छात्रों को लेने के लिये राजस्थान कोटा से साथ आ रहे कर्मचारियों का भी यहां आने पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा तथा उन्हें भी क्वारांटीन किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि कोटा से आने वाले बच्चों को उनके गृह जिलों में नहीं ठहराया जा रहा है। ऐसा उनके ठहरे हुए स्थानों पर अभिभावकों की भीड़ जमा होने से रोकने के लिए किया गया है।

इधर बीते 13 अप्रैल को कोटा के विभिन्न कोचिंग सेंटर्स से राजस्थान सरकार की अनुमति के बाद पहुंचे बच्चों को पहले गौरेला में फिर बिलासपुर के जगदीश लॉज में ठहराया गया था। इन बच्चों में बिलासपुर के अलावा जांजगीर, बलौदाबाजार, रायपुर, दुर्ग तथा कवर्धा के बच्चे थे, जिन्हें आज 14 दिन पूरा होने के बाद घर जाने की अनुमति दे दी गई। इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रवाना किया गया और लॉकडाउन का पालन करने कहा गया है।

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