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कृत्रिम पैरों के सहारे दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी फतह की छत्तीसगढ़ के चित्रसेन ने

चित्रसेन साहू, पर्वतारोही।

चार महाद्वीपों की सबसे ऊंची पहाड़ियों में देश का झंडा फहराने वाले छत्तीसगढ़ के पहले युवा बने

रायपुर। ब्लेड रनर और दो पैरों के विकलांग राज्य के पर्वतारोही चित्रसेन साहू ने 22841 फीट ऊंचे दक्षिण अमेरिका के सबसे ऊंची चोटी एकांकागुआ को फतह कर लिया है। हिमालय के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी हैं। इसके साथ ही चित्रसेन चार अलग-अलग महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर पहुंचने वाले छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति भी हो गए हैं।

इसके पहले उन्होंने 23 दिसंबर 2019 को 5685 मीटर की ऊंचाई के किलिमंजारो मिशन को पूरा कर चुके हैं। 2 मार्च 2020 को उन्होंने बस 28 मीटर की ऊंचाई के साथ ऑस्ट्रेलिया के माउंट कोसिस्सको की चढ़ाई पूरी की। 23 अगस्त 2021 को उन्होंने रूस की माउंट एलब्रुस में फतह हासिल की, जिसकी ऊंचाई 5642 मीटर है। 3 मई 2022 को उन्होंने 5364 मीटर ऊंचाई नेपाल के एवरेस्ट बेस कैंप को फतह किया।

उल्लेखनीय है कि चित्रसेन एक पर्वतारोही होने के साथ-साथ राष्ट्रीय बास्केटबॉल और राष्ट्रीय पैरा तैराकी में भी अनेक खिताब जीत चुके हैं। चित्रसेन ने 14 हजार फीट से स्काईडाइविंग करने का भी रिकॉर्ड बनाया है। वे एक सर्टिफाइड गोताखोर भी हैं।

साहू ने विकलांगों के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भी लंबी लड़ाई लड़ी है। वे लगातार विकलांगों के लिए अन्य सरकारी नीतियों को अधिक अनुकूल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। साहू को साल 2014 में भाटापारा में ट्रेन से हुई दुर्घटना में अपने दोनों पैरों को खोना पड़ा था।

साहू ने बताया कि कृत्रिम पैर होने के कारण उन्हें चलने में सामान्य से 65% अधिक ताकत और ऊर्जा की आवश्यकता होती है, फिर पहाड़ में अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन के स्तर का कम होना भी एक चुनौती है। फिर भी, मनोबल ऊंचा हो तो सब कुछ संभव है। इसलिए वे ‘अपने पैरों पर खड़े हो’ मिशन चला रहे हैं। यह मिशन सशक्तिकरण, जागरूकता और समानता के लिए है। यह उन लोगों की सामाजिक स्वीकृति प्रदान करने के लिए है जो जन्म से या किसी दुर्घटना की वजह से अपने शरीर के किसी हिस्से को खो चुके हैं।

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