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अरपा में चला सफाई अभियान, खुले में शौच करने वालों के कारण पहुंची बाधा….

पुराने सेतु के नीचे से कचरा हटाते हुए अरपा अभियान समिति के लोग।

गणेश विसर्जन के बाद फैली अरपा की गंदगी को साफ करने आज  गांधीजी की 150 वीं जयंती पर अरपा-अर्पण महाअभियान समिति ने नदी के कई घाटों में सफाई अभियान चलाया। हैरानी यह भी रही कि खुले शौच से मुक्त शहर बिलासपुर में कई लोग अरपा में शौच करने पहुंचे,जिसके कारण सफाई अभियान में बाधा भी पहुंची।

अरपा-अर्पण महा-अभियान समिति के सदस्यों ने गणेश विसर्जन के से लेकर आज तक फैली गंदगी को साफ करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने सेंदरी, पुराना पुल सरकंडा, शिव घाट, पचरी घाट तथा छठ घाट की सफाई की। इन स्थानों पर लकडि़यों के अवशेष, फूल-माला, पॉलीथीन व अन्य सामाग्रियों की गंदगी पसरी हुई थी, जिसे इकट्ठा कर सफाई की गई।

समिति ने पाया कि शहर के सारे कचरे को वैसे तो कछार स्थित ट्रीटमेंट प्लांट लेकर जाना है पर नगर-निगम की गाड़ियों से कचरा शिवघाट में भी डंप किया जाता रहा है। समिति के सदस्यों ने पचरी घाट में पाया कि लगभग 20-30 लोग नदी के किनारे ही शौच के लिये बैठे हुये थे। इसकी वजह से स्वच्छता का कार्यक्रम पचरी घाट में नहीं चलाया जा सका।

सिर्फ़ जबडापारा, पुराना पुल व शिवघाट में ही साफ सफ़ाई हो पाई। जबड़ापारा से निकाला गया कचरा निगम द्वारा कचरा गाड़ी मे डलवाया गया परन्तु शिवघाट मे कोई कचरा उठाने वाली गाड़ी नहीं मिल पाई। अरपा-अर्पण महाभियान के राम मोहन दुबे व आशीष अग्रवाल ने कहा कि किसी भी घाट को पूर्ण रूप से साफ कर पाना एक बार में मुश्किल है पर निरंतर साफ सफ़ाई होती रहे तो अरपा को स्वच्छ रखा जा सकता है।

अभियान में श्री जगजीत, डॉ. विनोद तिवारी, मातृ शक्ति सदस्य कमला तिवारी, डॉ. मनीष राय, जय पाठक, प्रदीप चतुर्वेदी, दिग्विजय पाठक, अमित रंजन पांडे, निशीथ पांडे, दुर्गेश, आशुतोष तिवारी, आशुतोष शर्मा, अभिषेक तिवारी, पप्पू भाई, वर्षा ताम्रकार, शुभांकर, आर्या, जान्ह्वी, डॉ. नेहा वर्मा, प्रकाश तिवारी, अनुराग मिश्रा, निलेश मिश्रा, सुमित सहित अनेक लोग शामिल थे। हास्य योग क्लब से भुवन वर्मा, ताराचंद साहू, मनीष साहू आदि पहुंचे। कई सदस्य पूरे परिवार के साथ अभियान में भाग लेने पहुंचे थे।

समिति ने संकल्प लिया कि हम अरपा को स्वयं स्वच्छ रखेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम का समापन भजन, गीत व पारम्परिक वाद्य यंत्र तुरतुरिया के वादन के साथ उल्लासमय वातावरण में हुआ।

 

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