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ढाई हजार एकड़ में फैला अंग्रेजकालीन 190 साल पुराना गोठान, सैकड़ों गाय-बकरियां पाली जा रहीं अब क्षमता बढ़ाने की पहल

पकरिया(गौरेला) स्थित पशु-प्रजनन केन्द्र का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर डॉ.संजय अलंग।

बिलासपुर। अंग्रेज शासन काल में वर्ष 1829 में गौरेला तहसील के पास ग्राम पकरिया में निर्मित पशु प्रजनन प्रक्षेत्र ढाई हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके 112 एकड़ में चारागाह, पशुओं के लिए शेड आदि निर्मित हैं। यहां वर्तमान में 208 साहीवाल नस्ल की गायें और 400 बकरे व बकरियां रखी गई हैं। गायों से प्रतिदिन 150 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिनकी खपत पेंड्रा-गौरेला क्षेत्र में होती है। पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में विभागीय योजना के तहत हितग्राहियों को वितरण के लिए बकरे की इसी प्रक्षेत्र से आपूर्ति की जाती है।

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने पकरिया स्थित पशु प्रजनन प्रक्षेत्र का शनिवार को निरीक्षण किया। उन्होंने प्रक्षेत्र में रखे गये पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए चारे की पौष्टिकता बढ़ाने का निर्देश दिया।

कलेक्टर ने यहां की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि अंग्रेज काल में इस प्रक्षेत्र का उपयोग घोड़ों के उपचार के लिए किया जाता था। बाद में यह पशु प्रजनन प्रक्षेत्र के रूप में विकसित किया गया। प्रक्षेत्र के भीतर मनरेगा के तहत् स्टाप डेम का निर्माण भी किया गया है जहां पशुओं और चारागाह के लिए पानी उपलब्ध रहता है।यहां वन विभाग से अनुबंध कर चारागाह का विकास किया गया। प्रक्षेत्र में बने बुल शेड में में बछड़ा पालन किया जाता है और राज्य के अन्य जिलों में उन्नत नस्ल के पशु प्राप्त करने के लिए इन बछड़ों को भेजा जाता है। प्रक्षेत्र में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों, कम्पाउंडर और किसानों को कौशल विकास का प्रषिक्षण भी दिया जाता है। कलेक्टर ने प्रक्षेत्र का भ्रमण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

इस अवसर पर पेंड्रा रोड के अतिरिक्त कलेक्टर व्ही.सी.साहू, संयुक्त कलेक्टर एस.के. गुप्ता, पेंड्रारोड के एसडीएम मनोज कोसरिया तथा पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 

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