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लोक सेवा गारंटी के  आवेदनों का निपटारा करने टीम बनेगी, हर शनिवार समीक्षा

लोक सेवा गारंटी व नरवा घुरुवा योजना के क्रियान्वयन पर संभागायुक्त टीसी महावर ने बैठक ली।

प्रत्येक ब्लॉक में नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना के लिए पांच गांव चुने जायेंगे

बिलासपुर। संभागायुक्त टी.सी. महावर ने सोमवार को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत मिले आवेदनों के निपटारे में लापरवाही बरते जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने संभाग के कलेक्टरों को एक टीम बनाकर इसकी निगरानी करने कहा है। हर शनिवार को इसकी समीक्षा होगी।

अधिकारियों की बैठक लेकर महावर ने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जनहित से जुड़े कुछ सेवाओं के गुणवत्ता से निपटारा के लिये समय सीमा निर्धारित की गई है। सभी जिले की जानकारी एक निर्धारित प्रोफार्मा में दें ताकि एकरूपता बनी रहे। उन्होंने कहा कि इसे प्रभारी अधिकारी स्वयं देखें। संभागायुक्त ने विभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि जिन विभागों में उक्त अधिनियम के तहत निराकरण के लिये आवेदन लम्बित हैं, जिला स्तर पर कलेक्टर के मार्गदर्शन में एक दल गठित करें और ऐसे प्रकरणों को समीक्षा कर निराकरण करायें। उन्होंने प्रत्येक शनिवार को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करने के निर्देश दिये। इसी तरह संभाग स्तर पर भी समीक्षा की जायेगी। बैठक में सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।

 

नरवा, गरूवा, घुरूवा और बारी योजना पर विशेष ध्यान

महावर ने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरूवा और बारी योजना के लिये स्थल चयन पर विशेष ध्यान दें ताकि इस योजना का सफल क्रियान्वयन हो सके। राज्य शासन की यह एक महत्वपूर्ण योजना है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक रूप से नाला उपलब्ध है, जिसे बारह मासी के रूप में जीवित करना है, ताकि पानी रिचार्ज हो सके। इसके लिये कच्चा नाला, बंधान बनाया जा सकता है। इसी तरह गरूवा से न केवल दूध बल्कि खेती में भी सहयोग प्राप्त होता है। घुरूवा के माध्यम से कम लागत में खाद का उत्पादन होता है। इसी तरह बाड़ी में साग-सब्जी उत्पादन किया जा सकता है। इसमें उद्यानिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। संभागायुक्त ने शासन के निर्देश के अनुरूप प्रारंभ में प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गाँव चयन करने के निर्देश दिये, साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिये ग्राम स्तर पर भी समिति बनाकर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने हितग्राही चयन के लिये भी आवश्यक निर्देश दिये।

बैठक में संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वनमंडलाधिकारी, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, भूमि संरक्षण सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

 

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