बिलासपुर। तीन साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं मिलने की हाईकोर्ट ने पड़ताल कराई तो पता चला कि प्रदेश में करोड़ों रुपए का भुगतान रुका हुआ है। अब हाईकोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रदेश के 753 प्रकरणों में भुगतान के लिए 26.41 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। 
ज्ञात हो कि बिलासपुर के सिरगिट्टी इलाके में 16 साल के एक नाबालिग ने 3 साल की बच्ची के साथ बाथरूम का दरवाजा बंद कर रेप किया था। बच्ची की दम घुटने और चोट आने के चलते कुछ घंटे बाद मौत हो गई थी। इसे लेकर प्रदर्शन किया गया था। पुलिस ने आरोपी व सहयोगी उसके चाचा को गिरफ्तार कर लिया, वहीं प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया गया था कि पीड़ित परिवार को ढाई लाख रुपए तत्काल तथा 7.50 लाख रुपए मुकदमे की सुनवाई के बाद दिया जाएगा। मगर 15 दिन बाद मीडिया में खबर आई कि पीड़ित परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिला है। इसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज की। राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उन्होंने 72 घंटे के भीतर भुगतान का आदेश दिया गया। उक्त पीड़िता के परिवार को राशि का भुगतान कर दिया गया लेकिन हाई कोर्ट ने प्रदेश भर में ऐसे लंबित मामलों के बारे में राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण और प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
अपने जवाब में प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के 23 जिलों के 753 मामलों में फरवरी 2024 की स्थिति तक 26 करोड़ 41 लाख 200 रुपए का भुगतान बाकी है। इस पर हाई कोर्ट में राज्य सरकार से भुगतान के रुकने के कारणों पर जवाब मांगा।
गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने अवगत कराया कि सभी लंबित 753 मामलों में रुकी हुई राशि 26.41 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से जारी कर दिए गए हैं और इसका भुगतान पीड़ित परिवारों को किया जा रहा है।

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