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सौभाग्य बिजली ने दर्जनों गावों की उड़ाई नींद, अनाप-शनाप बिल भेजकर जेल भेजने की धमकी दे रहे अधिकारी

बिजली विभाग के अधिकारियों की शिकायत लेकर सीपत से कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रामीण।

बिलासपुर। सीपत इलाके के गांवों में सौभाग्य योजना के तहत दिये गए बिजली कनेक्शन ने ग्रामीणों को हलकान कर दिया है। सौ रुपये में बिजली मिलने की उम्मीद में उन्होंने बिजली कनेक्शन लगाने के लिए हामी तो भर दी पर अब उनके पास दो हजार रुपये तक के बिल भेजे जा रहे हैं। बिल का भुगतान करने के लिए बिजली विभाग के इंजीनियर आधी रात को घरों में जाकर लोगों का दरवाजा खटखटा रहे हैं और जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।

कलेक्टर के पास जन दर्शन में शिकायत लेकर पहुंचे सीपत क्षेत्र के दर्जनों जन-प्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकांश गांवों को सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिया गया है। लक्ष्य पूरा करने के दबाव में स्थानीय जूनियर इंजीनियर ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है कि सभी घरों में बिजली पहुंचा दी गई है लेकिन अनेक घरों में यह काम अधूरा है। अधिकांश घरों में तो मीटर ही नहीं लगा है।

सौभाग्य योजना के कनेक्शन देते समय उपभोक्ताओं को बताया गया था कि उनको 100 रुपये प्रति महीने का बिल भुगतान करना पड़ेगा लेकिन उपभोक्ताओं की नींद उड़ गई जब उन्हें 600 रुपये से लेकर 2000 हजार रुपये तक का बिजली बिल भेज दिया गया। बहुत से उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन बिजली खंभे से जुड़ा भी नहीं है फिर भी उनका बिजली बिल जारी कर दिया गया है जिससे वे भारी परेशान हैं।

शिकायत में ग्रामीणों ने लिखा है कि बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर और एई लोगों के घरों में देर रात तक जाकर उपभोक्ताओं पर दबाव बना रहे हैं और उन्हें कानूनी कार्रवाई तथा जेल भेज देने की धमकी दे रहे हैं। कई उपभोक्ताओं को वह घर से उठाकर ऑफिस ले आए और उन पर भी बिजली बिल भुगतान करने के लिए दबाव बनाने लगे हैं, जिससे उपभोक्ता दहशत में हैं।

छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि सिंचाई पंप हेतु 3 या 5 हार्सपावर के स्थायी कनेक्शन को दूरी के हिसाब से 5 विद्युत पोल और एक लाख रुपये की छूट की पात्रता है। ऐसे कनेक्शनों पर भी विद्युत विभाग के आला अधिकारी अनियमितता बरत रहे हैं। वे प्रति कनेक्शन 15 से 20 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। विद्युत विभाग का चक्कर लगाते लगाते परेशान हो गए हैं और मजबूरी में अधिकारियों की बात को मानकर उन्हें ऊपरी रकम देने के लिए तैयार होना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने लाइनमैन रामरतन श्रीवास्तव की भी शिकायत की है। आरोप लगाया गया है कि लाइनमैन अवैध मोटर पम्प चलाने वालों से वसूली कर रहा है। इसके अलावा विभागीय लाइन सर्वे के काम के लिए प्रत्येक ग्रामीण से 500 से लेकर 1000 रूपये लिया जाता है।

आज अपनी शिकायत लेकर सीपत के अनेक गांव के सरपंच उपसरपंच तथा जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीण पहुंचे थे। शिकायत करने वालों में ग्राम पंचायत नवागांव के सरपंच भागवत, नरगोड़ा की सरपंच सुभद्रा देवी, खड़कपुर की सरपंच हीरा भाई, कुआं ताल की सरपंच तथा मटियारी के सरपंच गीता, सेलर की सरपंच मथुरा बाई, मोहरा के पंच गीतराम, पंच रामनिवास यादव, उप सरपंच प्रतिनिधि दिनेश साहू, झलमला से तुलसीराम, मोहरा की सरपंच लक्ष्मी बाई, मचखंडा के सरपंच पंचराम बनियाडीह की सरपंच गंगोत्री भाई सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल थे।

 

 

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