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बेटी ने मां को मुखाग्नि, कोरी समाज ने की प्रशंसा, कहा-बेटी का भी उतना ही हक है जितना पुत्र को

सरकंडा, मुक्तिधाम बिलासपुर में मां को मुखाग्नि देती हुईं, सुदामा कोरी।

करगीरोड कोटा/बिलासपुर। रतनपुर के ग्राम रानीगांव की एक युवती सुदामा कोरी ने रूढ़ियों को तोड़कर अपनी 85 वर्षीय मां को मुखाग्नि देकर उनकी अंतिम इच्छा की।

बीते सोमवार को सुबह फटकन बाई (बैदाइन दाई) का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया।सोमवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली थी। इनकी पांच में से तीन पुत्रियां अभी हैं। सबसे छोटी पुत्री कु. सुदामा कोरी ने मुक्तिधाम सरकंडा, बिलासपुर में उन्हें मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। सुदामा मां की सेवा करती रहीं और उसने अपना घर भी नहीं बसाया है। मां की इच्छा थी कि उनकी पुत्री ही अंतिम संस्कार करे। बुनकर (कोरी) समाज ने पुत्री और मां दोनों की इच्छा का सम्मान करते हुए अंतिम संस्कार में भाग लिया। उन्होंने कहा कि बेटी का भी अंतिम संस्कार में उतना ही अधिकार है जितना बेटे को होता है।

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