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हाथी मानव द्वंद कम करने के लिए फसल मुआवजा राशि बढ़ाने की सीएम से मांग

हाथी फसल को नुकसान पहुंचा रहे।

‘ज्यादा क्षतिपूर्ति मिलेगी तो जान जोखिम में नहीं डालेंगे किसान’

रायपुर। वन्यजीव प्रेमियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर मांग की है कि हाथियों से प्रभावित फसलों की मुआवजा राशि 9 हजार से बढ़ाकर 24 हजार रुपये प्रति एकड़ की जाए।

वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने कहा कि पत्र में बताया गया है कि प्रचलित मुआवजा राशिका निर्धारण 2016 में किया गया था। 2016 में एमएसपी 1470 रुपये प्रति क्विंटल थी जो अब 32 प्रतिशत बढ़ कर रुपए 1940 प्रति क्विंटल हो गई है। इस हिसाब से फसल हानि की क्षतिपूर्ति की दर रुपए 11880 प्रति क्विंटल होनी चाहिए।

विगत 2 वर्षों से किसानों को धान की खरीद पर राजीव किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ रुपए 9000 का भुगतान किया जा रहा है, जो कि उन किसानों को नहीं मिल पाता जिनको नुकसान हाथियों से होता है।

बढ़ी हुई एमएसपी, महंगाई तथा राजीव किसान न्याय योजना के फायदे को देखते क्षतिपूर्ति का भुगतान रुपए 20 हजार 880 रुपये प्रति एकड़ किया जाये।

सिंघवी ने बताया कि अमूमन सभी क्षेत्रों में हाथी द्वारा फसल नुकसान से किसानों में नाराजगी रहती है। फसल बचाने के लिए किसान खेतों में भी सोते हैं। कई बार हाथियों को भगाने हेतु सामूहिक प्रयत्न भी करते हैं। कई बार अचानक हाथियों से सामना होना घातक भी होता है और जनहानि होती है। कुछ किसान कई बार हाथी सहित अन्य वन्यप्राणियों से फसल बचाने के लिए तार में बिजली प्रभावित कर देते हैं, जिससे हाथी और अन्य वन्यप्राणी ही नहीं बल्कि ग्रामीणों की मृत्यु बढ़ रही है। अतः किसानों की नाराजगी कम करने के लिए और मानव-हाथी सह-अस्तित्व बनाए रखने के लिए हाथी से फसल नुकसान पर रुपए 3 हजार रुपये प्रति एकड़ का अतिरिक्त भुगतान किया जाये। इस दर से भुगतान करने पर किसान अपनी जान जोखिम में डाल कर फसल बचाने हाथी का सामना नहीं करेगा।

प्रति वर्ष हाथियों से हुई फसल का मुआवजा लगभग 15 करोड़ दिया जाता है। 24000 प्रति एकड़ का भुगतान से 40 करोड़ का भुगतान होगा। 25 करोड़ का अतिरित भुगतान प्रदेश के एक लाख करोड़ के बजट का सिर्फ 0.025 प्रतिशत होगा.

पत्र  में मांग की गई है क्षतिपूर्ति भुगतान करने की लिए कम से कम 33 प्रतिशत फसल के नुकसान की शर्त को खत्म कर निर्धारित समयावधि में किसानों को भुगतान किया जाये।

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