सुशील आनंद का पलटवार- निराधार आरोप, मैं शराब नहीं पीता- मानहानि का केस करूंगा

नई दिल्ली। रविवार को कांग्रेस प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद राधिका खेड़ा ने नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया चेयरमेन सुशील आनंद शुक्ला और अन्य नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खेड़ा ने कहा है कि उसे इन्होंने शराब का ऑफर दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि खेड़ा भाजपा की भाषा बोल रही है। दूसरी ओर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि वह मेरी चरित्र हत्या का प्रयास कर रही है। मेरे खानदान में किसी ने शराब नहीं पी। मैं उनके खिलाफ मानहानि का केस करूंगा।

खेड़ा ने पत्रकारों से कहा, “मुझे इस बात का अहसास ही नहीं था कि मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। मैं लोकसभा चुनाव के लिए मीडिया प्रभारी थी। मुझे लगातार अपमानित किया जा रहा था।”

खेड़ा ने बताया, “राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने मुझे शराब पीने का ऑफर दिया। उनके साथ एक और व्यक्ति धनंजय ठाकुर भी था। मीडिया विभाग में काम करने वाली दो अन्य महिलाएं भी मेरे साथ थीं।”

“हम कोरबा में अपने कमरे में थे। मुझे बार-बार बुलाया गया और पूछा गया कि मुझे किस तरह की शराब चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उनसे पूछा कि वह कौन सा व कितना शराब पीती हैं।

उन्होंने कहा, “मीडिया चेयरमैन शराब पीकर मेरा दरवाजा खटखटाते थे। मैंने राज्य प्रभारी सचिन पायलट जी को इसकी जानकारी दी थी। जयराम रमेश से लेकर पवन खेड़ा तक, मैंने सबको बताया कि उन्होंने मेरे साथ कैसा व्यवहार किया।”

उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं था कि उन्हें इसलिए नजरअंदाज किया जा रहा है क्योंकि वह पार्टी की “हिंदू विरोधी” विचारधारा से मेल नहीं खाती हैं। हद तो तब हो गई जब रायपुर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मुख्यालय में शुक्ला ने उनके साथ बदसलूकी की और एक कमरे में बंद कर गाली-गलौज की।

उन्होंने कहा, “मुझे राम भक्त होने की सज़ा दी जा रही है। क्या मेरे राम मंदिर जाने से पार्टी को इतना नुकसान हुआ? मुझे छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान राम का नाम न लेने के लिए कहा गया था। मुझसे कहा गया कि मैं हिंदू धर्म के बारे में बहुत ज़्यादा बात करती हूँ।”

इस बीच, छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि खेड़ा भाजपा की भाषा बोल रही हैं और सवाल किया कि उन्होंने इस्तीफा देने में जल्दबाजी क्यों की।

बैज ने कहा, “पार्टी छोड़ना उनका निजी फैसला है। पार्टी में जांच चल रही थी और फैसला लंबित था। उन्हें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी। उनके पास कई विकल्प थे, लेकिन उन्होंने जल्दबाजी में फैसला ले लिया और आरोप लगा दिए। उन्हें इंतजार करना चाहिए था।”

हिंदू धर्म के बारे में बात करने पर सज़ा दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुद्दा कुछ और था. अब इसे अलग नज़रिया दिया जा रहा है. इसे धर्म से जोड़ना पहले से ही तय है. वह बीजेपी की भाषा बोल रही हैं.”

मालूम हो कि खेड़ा ने दावा किया है कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर के दर्शन को लेकर उनकी आलोचना के कारण छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में हुई घटना में उन्हें न्याय नहीं मिला।

खेड़ा के आरोपों के संबंध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि झूठे आरोप लगाकर वह मेरी चरित्र हत्या की कोशिश कर रही है। मैं शराब नहीं पीता, मेरे खानदान में कोई नहीं पीता। वह मेरी चरित्र हत्या का प्रयास कर रही है। इस मामले में वे मानहानि का केस करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here