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एएसआई का फर्जी नियुक्ति आदेश देकर बेरोजगार से 8 लाख की ठगी, आरोपी आरक्षक बर्खास्त

आरक्षक बर्खास्त।

भाजपा पार्षद, नगर-निगम कर्मचारी सहित सभी चार आरोपी जेल में

बिलासपुर। पुलिस विभाग में नौकरी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर देने के आरोपी आरक्षक को एसएसपी ने बर्खास्त कर दिया है। आरक्षक पर एक भाजपा पार्षद व नगर निगम के कर्मचारी के साथ मिलकर 8 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और सभी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया जा चुका है।

बीते 15 जून को एसपी ऑफिस में करगीरोड का पीयूष प्रजापति एएसआई पद पर नियुक्ति का आदेश लेकर ज्वाइनिंग के लिए पहुंचा। स्थापना शाखा के प्रभारी संतोष वैष्णव को देखते ही समझ में आ गया कि यह फर्जी आदेश है, क्योंकि विभाग की ओर से इस पद पर भर्ती की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। उन्होंने तुरंत एसएसपी पारुल माथुर को पत्र ले जाकर दिखाया। उन्होंने सिविल लाइन थाने को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

इसके बाद पूछताछ में फर्जी पत्र लेकर आए पीयूष प्रजापति ने बताया कि पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला, भाजपा पार्षद रेणुका नगपुरे और नगर निगम के कर्मचारी भोजराज नायडू ने उसे पुलिस विभाग में नौकरी लगा देने का आश्वासन दिया। उसने इन सभी को कुल 8 लाख रुपये इसके एवज में दिए हैं। जांच के बाद पुलिस ने सभी के विरुद्ध ठगी और फर्जीवाड़े का अपराध दर्ज किया था। चारों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

एसएसपी पारुल माथुर ने आरक्षक पंकज शुक्ला के कृत्य को गंभीर आपराधिक प्रकृति का मानते हुए बर्खास्त कर दिया है।

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