प्रदेश में पहली बार नष्ट किए जा रहे मादक पदार्थों का हुआ ऐसा इस्तेमाल

बिलासपुर। रेंज पुलिस ने आज भारी मात्रा में नशीले पदार्थों को नष्ट किया ,जो बीते कुछ सालों की कार्रवाई में जब्त किए गए थे। पहली बार ऐसा हुआ कि इस प्रक्रिया से बिजली पैदा की गई।

बिलासपुर के आईजी रेंज में आने वाले जिलों में नशे से आजादी का पखवाड़ा 12 जून से 26 जून तक मनाया जा रहा है। इस सिलसिले में बिलासपुर रेंज के 553 प्रकरणों में जब्त 12.767 टन गांजा, 13  गांजा पौधा, 8380 टेबलेट, 11हजार 220 कफ सिरप की बोतलें, 897 कैप्सूल और 222 इंजेक्शन नष्ट किए गए।

आमतौर पर जब्त मादक पदार्थों  पर बुलडोजर चलाकर या फिर खुले में जलाकर गड्ढे में पाट दिए जाते हैं, मगर इस बार पुलिस ने नया प्रयोग किया। नष्ट करने की कार्रवाई के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी के निर्देश पर इनको जलाने के लिए सुधा बायो पावर प्राइवेट लिमिटेड मोहतराई के बॉयलर का इस्तेमाल किया गया। इस पावर प्लांट में प्रतिदिन भूसे और कोयला के मिश्रण से 10 मेगा वाट बिजली की पैदा की जाती है, जिसे बिजली विभाग को बेचा जाता है।

आज बॉयलर में 12.7 टन गांजा सहित दूसरे  पदार्थों को डाल दिया गया। इसमें मानक के मुताबिक कोयले का भी इस्तेमाल किया गया। ड्रग्स बॉयलर में जल उठे और इससे 5 मेगावाट बिजली पैदा हुई।

कार्रवाई के दौरान आईजी डांगी, एसएसपी पारुल माथुर, कोरबा के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी तोरण सिंह और मोहतराई के पंचायत प्रतिनिधि मौजूद थे।

इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपमाला, उमेश कश्यप, सीएसपी स्नेहिल साहू, डी एस पी सुशीला टेकाम, कोनी के थाना प्रभारी सुनील तिर्की, पुलिस के अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में इस कार्रवाई को पूरा करने के लिए जवान मौजूद थे।

 

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