बिलासपुर। नौ वर्ष से संविदा में लगातार सेवावृद्धि के बाद एक सांख्यिकी अन्वेषक को अचानक पद से हटा दिया गया, जबकि उसका पद रिक्त है। हाईकोर्ट में विभाग के आदेश के विरुद्ध याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संयुक्त संचालक को एक माह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता गीतिका मिश्रा रायपुर स्थित संचालनालय आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में नवंबर 2012 में सांख्यिकी अन्वेषक के पद पर संविदा में नियुक्त की गई थी। इसके बाद लगातार सन् 2021 तक उनकी सेवा में वृद्धि की जाती रही। मार्च 2021 के बाद उनकी सेवा में विस्तार नहीं किया गया। उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि 9 वर्ष की सेवा लेने के बाद अचानक हटाया जाना अनुचित है। याचिकाकर्ता को संविदा नियुक्ति लगातार उस पद दी गई, जिसमें स्थायी नियुक्ति स्वीकृत है। याचिकाकर्ता अब अधिक उम्र हो जाने के कारण अन्य शासकीय सेवा के लिये पात्र भी नहीं है। इससे उसके सामने जीविकोपार्जन की समस्या खड़ी हो गई है। जस्टिस संजय के. अग्रवालने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को विभाग के समक्ष अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया और संयुक्त संचालक को निर्देश दिया कि एक माह के भीतर आवेदन पर निर्णय लें।

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