बिलासपुर. जिनके पास सोच की कमी है या दूसरा काम नहीं हैं वही ऐसा सोच सकते हैं। मेरे तो रग-रग में कांग्रेस है। सक्रिय राजनीति में रहूं या नहीं, किसी भी स्थिति में भाजपा में तो जा ही नहीं सकता। मैंने कभी-कभी कहा भी है कि ये सौ जन्म में भी नहीं हो सकता। हम लोग उस तक कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हुए महसूस करते हैं। लीडरशिप से जुड़ा हुआ करते हैं। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने पत्रकारों से मंगलवार को चर्चा के दौरान कही। वे कोनी स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का जायजा लेने आए थे। उनके साथ नगर विधायक शैलेश पाण्डेय भी मौजूद थे।
अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण प्रगति पर 
मंत्री ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अस्पताल के कैंसर यूनिट में कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी की सुविधा रहेगी। यहां कैंसर पीडि़तों का पूरा उपचार हो पाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कक्ष को पूरी तरह से मापदंड के अनुरूप बनाने के निर्देश दिए। 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यह कार्य केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की टीम कर रही है। बहुत जल्द ही भवन निर्माण का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इस मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चिकित्सा क्षेत्र की सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगी। अफसरों ने बताया कि 12 मंजिल के इस अस्पताल का निर्माण जल्द पूरा हो जाएगा। यहां राज्य कैंसर संस्थान, टामा सेंटर, बर्न सेंटर,  नवीन सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, प्रदेश सचिव पंकज सिंह, एल्डरमैन शैलेन्द्र जायसवाल, सभापति अंकित गौरहा, युवा कांग्रेस सचिव आशीष, मोनू अवस्थी, लकी मिश्रा, तनमीत छाबड़ा, दिनेश सिरिया सहित केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिम्स के डीन आदि मौजूद थे।
कोरोना के कारण निर्माण कार्य में हुआ विलंब
दिसंबर 2018 से बन रहे अस्पताल को फरवरी 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के कारण ऐसा नहीं हुआ। यहां न्यूरो सर्जन, कार्डियोलाजी, प्लास्टिक सर्जरी, पिडियाटिक सर्जरी, न्यूरोलाजी व अन्य इलाज की सुविधा रहेगी। राज्य कैंसर हास्पिटल में कीमोथैरेपी, रेडियाथैरेपी सहित चार ब्रांच होंगे। यहां अलग-अलग कैंसर से पीडि़तों को भर्ती करके इलाज किया जाएगा। वर्तमान में इन सुविधाओं के लिए लोगों को जिले के बाहर जाना पड़ता है।
राज्य का दूसरा सबसे बड़ा हास्पिटल
नगर विधायक पाण्डेय ने बताया कि रायपुर के डीकेएस मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बाद यह राज्य का दूसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल है। इसका निर्माण बिलासपुर में 44.58 एकड़ में हो रहा है। यह सिम्स से बिल्कुल अलग है। इस हास्पिटल में ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन चिकित्सा के अलावा गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। यहां बिलासपुर संभाग के अलावा छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को सरकारी दरों में स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी कोर्सेस की पढ़ाई शुरू होगी। इससे राज्य में सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की कमी दूर होगी।

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