कर्मचारियों ने निलंबन रद्द करने की मांग पर किया प्रदर्शन

बिलासपुर। ‌रायगढ़ से बिलासपुर तक लाने के बजाए लोको पायलट और उसके सहायक ने नैला स्टेशन पर खड़ी कर दी और ड्यूटी छोड़ उतर गए। दोनों को रेलवे ने सस्पेंड कर दिया है जिसका यूनियन विरोध कर रहा है। उन्होंने प्रदर्शन कर निलंबन रद्द करने की मांग की।

दरअसल मालगाड़ी को ट्रैक मिलने में इतनी देर हो रही थी कि रायगढ़ से नरेला तक पहुंचने में ही उसे 11.30 घंटे लग गए। लोको पायलट की ड्यूटी 7 घंटे की होती है इससे अधिक ड्यूटी करने के लिए अलग से मेमो जारी किया जाता है जो उनके ओवरटाइम में गिना जाता है। प्रायः 2-4 घंटों की देरी पर मेमो जारी करने से अधिकारी बचते हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक लोको पायलट रामेश्वर सिंह और सहायक लोको पायलट एसी प्रकाश रायगढ़ से माल गाड़ी लेकर बिलासपुर के लिए निकले थे लेकिन उन्हें महिला पहुंचने में 11.30 घंटे लग गए। इस पर उन्होंने अधिकारियों से बात की और कहा कि उनकी ड्यूटी के समय से अधिक हो चुकी है। अब उनके लिए नया मेमो जारी किया जाए। जैसा कि पायलट कह रहे हैं अधिकारी ने मेमो जारी करने से मना कर दिया और उन्हें बिलासपुर तक मालगाड़ी लाने के लिए दबाव डाला। लोको पायलट और सहायक लोको पायलट दोनों ने नैला स्टेशन पर ही मालगाड़ी को रोक दी और ड्यूटी छोड़कर चले आए। इस बात की जानकारी मिलने पर दोनों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया।

दोनों कर्मचारियों के निलंबन के बाद पायलट और परिचालन से जुड़े कर्मचारियों ने लोको पायलट लॉबी के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि लंबी ड्यूटी करने के बावजूद उन्हें निलंबित कर आ जाना गलत है। 7 घंटे के बाद मालगाड़ी आगे ले जाने के लिए मेमो जारी नहीं करने वाले अधिकारी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं।

 

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