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मजदूरों का गमछा मास्क ही नहीं, पसीना पोंछने के काम भी आ रहा, जिले में 20 हजार लोग काम पर

जिला पंचायत बिलासपुर ने कोरोना संक्रमण के बाद मनरेगा का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया है।

लॉकडाउन के दौरान आजीविका का सहारा बना मनरेगा.

बिलासपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में लॉकडाउन के चलते पैदा हुई विषम परिस्थितियों के बीच ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए महात्मा गांधी नरेगा कार्यक्रम आजीविका एक बहुत बड़ा सहारा प्रतीत हो रहा है। जिला पंचायत बिलासपुर के अंतर्गत करीब 22 हजार मजदूरों में से 20 हजार लोग इस पर काम कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना संकट के बाद से ही प्राथमिकता दी है संक्रमण से बचाव के उपायों को लागू करते हुए मनरेगा के कार्यों को जारी रखा जाये ताकि गरीब परिवारों को इस विषम परिस्थिति में आजीविका को लेकर चिंता न हो। आम दिनों में ये श्रमिक धूप व बारिश के बीच मेहनत करते हैं पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर इस समय सावधान हैं। कोरोना वायरस से बचाव को ध्यान में रखते हुए मनरेगा में कार्यस्थल पर तथा घर से कार्य के लिए आने-जाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। काम शुरू करने और काम खत्म होने के पश्चात् मजदूरों की हाथ धुलाई व सैनेटाइजेशन पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। काम के दौरान मजदूरों को हमेशा गमछा रखने कहा गया ताकि इससे मुंह व नाक ढंकें तथा पसीना पोछें। इस गमछे की रोजाना साबुन से धुलाई करने कहा गया है।

बिलासपुर एवं नवगठित गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में मनरेगा का कार्य जिला पंचायत बिलासपुर के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इन दोनों जिलों के 647 ग्राम पंचायतों में से 348 में अभी 1503 रोजगारमूलक काम चल रहे हैं। बिलासपुर जिले के 443 ग्राम पंचायतों में से 210 ग्राम पंचायतों में 671 कार्य चल रहे हैं। इन पंचायतों के 10, 992 पंजीकृत श्रमिकों में से 9751 श्रमिक रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही के 3 विकासखंडों में 164 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें से 138 ग्राम पंचायतों में 832 कार्य चल रहे हैं। यहां 11,199 पंजीकृत मजदूर हैं जिनमें से 10733 कार्यरत हैं।

जिला पंचायत बिलासपुर के अंतर्गत मनरेगा के तहत पंजीकृत 22 हजार 191 मजदूरों में से 20 हजार 488 श्रमिक वर्तमान में कार्यरत हैं।

जनपद पंचायत बिल्हा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि मनरेगा के तहत विकासखंड के 90 ग्राम पंचायतों में 247 कार्य संचालित हैं। जिसमें 4700 मजदूर कार्यरत हैं। संचालित कार्यों में मुख्य रूप से भूमि सुधार, नाला जीर्णोद्धार, डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, चारागाह एवं बाड़ी विकास कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में प्रतिदिन मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रारंभ में 23 ग्राम पंचायतों से बढ़कर अब 90 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहे हैं। बिल्हा विकासखंड में 127 ग्राम पंचायत हैं।

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