सरपंच, जनपद सदस्य सहित 6 गिरफ्तार, दो दर्जन के खिलाफ एफआईआर

बिलासपुर । गौरेला थाने के अंतर्गत ग्राम साल्हेघोरी में पशु तस्करी के आरोप में मध्य प्रदेश के छह लोगों को 2 दिन तक बंधक बनाकर लाठी-डंडों से पीटा गया, जिससे एक युवक की मौत हो गई और  उसे छुड़ाने आये पांच रिश्तेदार गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने ग्राम के सरपंच जनपद सदस्य और पूर्व सरपंच सहित 22 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की है।  इनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस जांच से पता चला है कि खैरझिटी के अशोक पनिका ने बुधवार को मेड़ाखार निवासी लोकेश से अपने चार भैंसों को साल्हे घोरी गांव के पास छीरहट्टी घाट के ऊपर तक पहुंचाने के लिए 400 रुपए में सौदा किया था। लोकेश अपने साथ विकास यादव भैंसों को लेकर निकला तो रास्ते में उसकी मुलाकात जनपद सदस्य सुखराम से हुई उसने लोकेश को भैंस की खरीदी का रसीद दिखाने के लिए कहा लवकेश ने कोई रसीद नहीं होने की बात कही इसके बाद सुखराम वहां से चला गया थोड़ी देर बाद रास्ते में आगे सुखराम 10-12 ग्रामीणों के साथ पहुंचा और उसने यह कहते हुए कि यह भैंस चोरी से ले जा रहे हो रोक लिया ग्रामीणों ने उसे लाठी डंडों से पीटना शुरू कर दिया। दोनों को सभी ग्रामीण सामुदायिक भवन में लेकर आ गये और वहां भी मारपीट करने लगे। उन्होंने दोनों पर दबाव डाला कि अपने घर के लोगों को बुलाओ। तब अशोक ने मोबाइल फोन से अपने भाई मुकेश व चाचा सूरत बंजारा को घटना की जानकारी दी। इस दौरान भी उनके साथ 10-15 लोग मारपीट की। उसके बाद दोनों को सामुदायिक भवन में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया गया। एक युवक, गोविन्द बैगा के बेटे को उसकी रखवाली के लिये छोड़ दिया गया। सुबह चार बजे अशोक के भाई व चाचा तीन अन्य लोगों के साथ उसे ढूंढते हुए सामुदायिक भवन पहुंचे। सूरत बंजारा ने ताला तोड़कर दोनों को सामुदायिक भवन से बाहर निकालकर पानी पिलाया। अशोक ने बताया कि जनपद सदस्य सुखराम, सरपंच पुरुषोत्तम, पूर्व सरपंच कृष्ण कुमार बैगा सहित करीब 20 लोगों ने उनके साथ भैंस चोरी का आरोप लगाकर गाली गलौच करते हुए लाठी डंडों से मारपीट की है। इनमें से लालजी ने उसका मोबाइल फोन रख लिया है। तब विकास, ओमप्रकाश, सूरत, मुकेश सभी लाल जी के घर मोबाइल फोन लेने के लिये पहुंचे।  वहां लाल जी ने फिर 10-12 लोगों को बुला लिया। पांचों के साथ वे फिर मारपीट करने लगे। यह सिलसिला 27 मई की सुबह 10 बजे तक चला। इस बीच सुबह 8 बजे डायल 112 में सूचना मिलने पर वहां पुलिस टीम पहुंची पर सरपंच ने गुमराह करते हुए कहा कि आपस में उनका समझौता हो गया है और सभी वापस चले गये हैं लेकिन गांव के लोगों ने उनको गांव के पीछे के हिस्से में छिपा दिया था। पुलिस गाड़ी के जाने के बाद वहां से फिर पांचों को मारते-मारते सामुदायिक भवन लाया गया। इस समय पीटने वालों की संख्या 20-22 हो चुकी थी। सभी के हाथ में लकड़ी व डंडे थे। कुछ लोग लात व मुक्कों से भी पिटाई कर रहे थे। जब लोकेश ने बताया कि इन भैंसों को अशोक ने उन्हें आगे छोड़ने के लिये दिया था तो गांव वालों ने फोन करके उसे भी बुलवा लिया। आने पर अशोक से भी गांव वालों ने मारपीट शुरू कर दी। पिटाई के कारण सूरत बंजारा बेहोश हो गया, फिर भी लोग उसके साथ मारपीट कर रहे थे। पुलिस गाड़ी सुबह 10.30 बजे सूचना मिलने पर दुबारा वहां पहुंची तो पीटने वाले सभी लोग भाग गये। एक दूसरी पुलिस वैन भी वहां पहुंच गई। सभी घायलों को गौरेला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सूरत बंजारा को मृत घोषित कर दिया।

जनपद सदस्य सुखराम भैना ,सरपंच पुरूषोत्तम बैगा, पूर्व सरपंच कृष्ण् कुमार बैगा, रामकरण यादय, सौरभ कुमार बैगा, धरम बैगा,  लालजी, गोविंद बैगा का लडका, चुंगी बैगा व अन्य 20 लोगों के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज किया। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 323, 201, 147, 148, 149, 294, 506बी, 341, 342 के तहत अपराध दर्ज किया गया।

पुलिस ने जनपद सदस्य सुखराम भैना, सरपंच पुरुषोत्तम बैगा, पूर्व सरपंच कृष्ण कुमार बैगा, सौरभ कुमार बैगा, धरम सिंह बैगा व रामकरण यादव को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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