Home अपडेट चुनाव के पहले कांग्रेस हाईकमान का दूसरा बड़ा फैसला, मरकाम की जगह...

चुनाव के पहले कांग्रेस हाईकमान का दूसरा बड़ा फैसला, मरकाम की जगह सांसद बैज बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष

भूपेश बघेल, दीपक बैज।

बघेल ने दी बधाई, साव और आप ने दी फेरबदल पर प्रतिक्रिया

रायपुर। कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर मोहन मरकाम की जगह दीपक बैज को नियुक्त किया है। उप-मुख्यमंत्री पद पद टीएस सिंहदेव की नियुक्ति के बाद हाल के दिनों में यह हाईकमान का दूसरा बड़ा निर्णय है। बताया जाता है कि नेतृत्व को लगा कि सत्ता और संगठन के बीच ठीक तरह से तालमेल नहीं बैठ रहा है, जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी पर पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संगठन और सत्ता के बीच करीब एक डेढ़ साल से टकराव की स्थिति दिख रही थी। पदाधिकारियों की नियुक्ति और हटाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ उनका विवाद सार्वजनिक भी हुआ। हाल ही में विवाद और बढ़ गया जब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने संगठन के कुछ महामंत्रियों के दायित्व में फेरबदल करने का निर्देश मरकाम को दिया था। मरकाम ने पहले उनकी बात नहीं मानी लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वे ऊपर से मिले आदेशों को मानेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की भूमिका, चुनाव संचालन, टिकट वितरण में महत्वपूर्ण होती है। माना जा रहा है कि दीपक बैज का चयन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सहमति से किया गया है। मरकाम को उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समर्थक माना जाता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फेरबदल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दीपक बैज को नए दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है तथा मोहन मरकाम के प्रति संगठन का सफल नेतृत्व करने के लिए आभार जताया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने एक ट्वीट कर कहा है कि संसद मेरे साथी दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने पर बधाई। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार को सजग करने की मरकाम को सजा मिली है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि 4 माह बाद खिसकने वाली कुर्सी के पाये बदले जा रहे हैं। चार शासकीय नौकरी छोड़, दो बार विधानसभा में सेवा देकर कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ते-लड़ते मोहन मरकाम अपनों से हार गए। ईमानदारी और 10 जनपथिया अहंकार की लड़ाई में एक बार फिर कांग्रेस में ईमानदारी हार गई।
आम आदमी पार्टी की पदाधिकारी प्रियंका शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार में आदिवासी नेतृत्व को कमजोर रखने वाली कांग्रेस को संगठन में भी एक आदिवासी नेतृत्व का मजबूत होना रास नहीं आया। मोहन मरकाम का यह अपमान सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि आदिवासी समाज का कोई नेता कांग्रेस में मजबूत न हो जाए। जो आदिवासी नेता जितने दिन इनकी सुनेगा, हां में हां मिलाएगा, वह बना रहेगा। जैसे ही इनकी सुनना बंद कर देगा।

NO COMMENTS