रायपुर। बिलासपुर जिले के खूंटाघाट जलाशय के आईलैंड पर ग्लास हाउस, रेस्टोरेंट और बांध के समीप एक हेक्टर भूमि पर कॉटेज निर्माण के मामले में छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी ने कलेक्टर बिलासपुर को जांच के आदेश देकर वस्तु स्थिति से अवगत कराने का आदेश दिया है।
शिकायतकर्ता नितिन सिंघवी ने बताया कि देश में लगभग दो लाख ऐसी आद्रभूमि है जो 2.25 हेक्टर से बड़ी है। छत्तीसगढ़ में ऐसी 7711 वेटलैंड हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश किया है कि इन सभी को अधिसूचित वेटलैंड माना जाएगा, जहां पर आद्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम 2017 के नियम 4 लागू होंगे।
वेटलैंड नियम 4 के तहत वेटलैंड पर किए जाने वाले प्रतिबंधित कार्यों की सूची भी दी गई है। इसमें यह भी बताया है कि वेटलैंड पर वर्ष 2007 तक आई किसी भी बाढ़ का पानी जहां तक पहुंचा था, वहां से 50 मीटर आगे की दूरी तक, कोई भी स्थायी प्रकृति का निर्माण नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार खूंटाघाट जलाशय अधिसूचित वेटलैंड है, जहां पर आद्रभूमि नियम लागू होते है। इसे लेकर  प्रत्येक राज्य में राज्य वेटलैंड अथॉरिटी का गठन किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी ने  छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में वेटलैंड संरक्षण समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं तथा सदस्य सचिव जिले के वनमंडल अधिकारी होते हैं।
 इधर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने खुंटाघाट वेटलैंड के आईलैंड पर जल संसाधन विभाग के माध्यम से 2.95 करोड़ रुपए की लागत से एक ग्लास हाउस रेस्टोरेंट का निर्माण प्रस्तावित किया है। टूरिज्म बोर्ड ने प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर 10 लाख रुपए की अग्रिम राशि का ऑर्डर भी जारी भी कर दिया है। यहां पर स्थायी प्रकृति का निर्माण होगा, जिसमे कंक्रीट, सीमेंट, ब्रिक्स जुडाई, खुदाई, बोरिंग इत्यादि कराए जाएंगे। जल संसाधन विभाग ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को वेटलैंड के बांध स्थल पर जलाशय के पीछे एक हेक्टर भूमि हस्तांतरित कर कॉटेज एवं अन्य निर्माण की अनुमति दी है।
नितिन सिंघवी ने दस्तावेजी प्रमाण जैसे प्रशासकीय स्वीकृति, रुपए 10 लाख की अग्रिम राशि का सैंक्शन ऑर्डर, एस्टीमेट, जल संसाधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को बांध स्थल पर जलाशय के पीछे एक हेक्टर भूमि हस्तांतरित कर कॉटेज एवं अन्य निर्माण की अनुमति के दस्तावेजी सबूतों के साथ शिकायत की थी। उन्होंने निर्माण कार्य निरस्त करने के आदेश की मांग की थी, जिस पर तत्काल संज्ञान लेकर वेटलैंड अथॉरिटी ने जांच का आदेश दिया है।

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