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28 गांवों के लोग जुटे, रावघाट में निजी कंपनी की खनन कार्रवाई को बताया अवैध

रावघाट में खनन का विरोध।

प्रभावितों को 100 प्रतिशत नौकरी और 50 प्रतिशत शेयर देने की मांग

नारायणपुर। रावघाट खदान में ग्राम सभा की मंजूरी के बिना निजी कंपनी की ओर से किये जा रहे खनन के विरोध में 28 गांवों की दुग्गाल परगना ने प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने राज्यपाल और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर इसे तत्काल बंद कराने की मांग की है। साथ ही भविष्य की खनन परियोजनाओं में स्थानीय प्रभावितों को 50 प्रतिशत शेयर और 100 फीसदी नौकरी की मांग की गई है।

27 अगस्त को हुई बैठक में पारित प्रस्तावों का उल्लेख करते हुए आदिम भूमकाल परगना के अध्यक्ष, गोंडवाना समाज और सर्व आदिवासी युवा प्रभाग नारायणपुर की ओर से भेजे गए इस ज्ञापन में कहा गया है कि बीएसपी ने निजी कंपनी के माध्यम से रावघाट में खनन का काम जारी रखा है। इस संबंध में किसी भी ग्राम सभा ने उन्हें अनुमति नहीं दी है। इसके बिना खनन असंवैधानिक है। राज्यपाल लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार कार्रवाई कर आदिवासियों को न्याय दिलाएं।

परगना की बैठक में कहा गया है कि जब तक स्थानीय लोग काम करने के लायक नहीं हो जाते खदान बंद रहेगा। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की भी मांग खनन शुरू करने के पहले पूरी करने की मांग की गई है। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि जब तक वन अधिकार की सारी प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती खदान को बंद रखा जाएगा।

बैठक में दुग्गल परगना के 28 गांवों के सरपंच, युवा और ग्रामीण करीब 500 की संख्या में उपस्थित थे जिन्होंने संगठित होकर एक साथ लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।

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