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छाबरिया की गिरफ्तारी लाठी कांड के बाद मंत्री का दूसरा कारनामा-कांग्रेस, इतना लगाव क्यों?-भाजपा

भाजपा नेता छाबरिया सोमवार को गिरफ्तारी के ठीक पहले कलेक्टोरेट में मीडिया से बात करते हुए।

पेंड्रा के भाजपा नेता पूरन छाबरिया की नामांकन खरीदी के दौरान सोमवार को हुई गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने कहा है कि यह घटना कांग्रेस भवन में हुए लाठी चार्ज के बाद मंत्री का दूसरा कारनामा है। वहीं भाजपा ने सवाल किया है कि कांग्रेस को छाबरिया से इतना लगाव क्यों? यह साफ छवि के मंत्री की छवि खराब करने का षड़यंत्र है और गिरफ्तारी से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।

सोमवार को सिविल लाइन पुलिस ने छाबरिया को कलेक्ट्रेट परिसर से हिरासत में लिया था। छाबरिया ने गिरफ्तारी वारंट दिखाने की मांग की पर उसे पुलिस ने बलपूर्वक अपनी वैन में बिठा लिया। बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि उसके खिलाफ पेंड्रा के आपराधिक मामलों में स्थायी वारंट है।

इधर छाबरिया की गिरफ्तारी को कांग्रेस ने कांग्रेस भवन में पिछले माह हुए पुलिस लाठी चार्ज से जोड़ दिया है। छाबरिया द्वारा मंत्री अमर अग्रवाल का किया जा रहा विरोध उनके लिए फायदेमंद दिखाई दे रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभय नारायण राय ने एक बयान जारी कर आज कहा कि कांग्रेस भवन के लाठी चार्ज की घटना के बाद बिलासपुर पुलिस का अमर के समर्थन में यह दूसरा कारनामा है। मंत्री को बताना चाहिए कि जब छाबरिया का स्थायी वारंट था तब सम्बंधित थाने की पुलिस उसे क्यों गिरफ्तार नहीं कर रही थी| जब उन्होंने मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए फॉर्म खरीदने का निर्णय लिया तब उसे गिरफ्तार क्यों किया गया। इससे स्पष्ठ है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है| उन्हें मंत्री के इशारे पर गिरफ्तार किया गया|

छाबरिया से कांग्रेस को इतना लगाव क्यों?  

भाजपा में अमर अग्रवाल के समर्थकों ने कांग्रेस के बयान पर पलटवार किया है। एल्डरमेन राजेंद्र भंडारी, पार्षद बबलू कश्यप और रमेश जायसवाल ने कहा कि बिलासपुर में ‘विकास की गंगा बहाने वाले तथा स्वच्छ छवि के’ प्रत्याशी अमर अग्रवाल के खिलाफ कांग्रेस के पास एक भी सशक्त चेहरा नहीं है। खुद तो प्रत्याशी तक घोषित कर नहीं पा रहे हैं और आपराधिक लोगों को उकसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। वे अग्रवाल की छवि को धूमिल करने तरह-तरह के षड़यंत्र रच रहे हैं। पूरन छाबरिया वाला पूरा मामला इसी षड़यंत्र का हिस्सा है। कांग्रेस के दागदार नेता और उनके कुछ सहयोगी इस प्रकार के हथकंडे अपना कर अपनी आदत के अनुसार स्वच्छ चुनाव को दूषित कर रहे हैं।  आदर्श आचार संहिता के दौरान वारंटियों को पुलिस गिरफ्तार करती है। पूरन के खिलाफ भी कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें शराब का अवैध व्यापार, शासकीय अधिकारियों से मारपीट आदि शामिल है। गिरफ्तारी के दौरान पूरा वीडियो बनाना भी संदेह को जन्म दे रहा है। सब भाजपा को बदनाम की सुनियोजित साजिश है।

 

 

 

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