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पुलिस, प्रशासन और समाजसेवी मिल-जुलकर बांट रहे लम्बी यात्रा पर निकले भूखे-थके प्रवासी मजदूरों की तकलीफ

अपने घरों के लिए लम्बी यात्रा पर निकले प्रवासी मजदूरों की सेवा में लगे युवा। भोजपुरी नाका, बिलासपुर रायपुर नेशनल हाइवे।

भोजपुरी टोल नाका में 24 घंटे भोजन पानी की व्यवस्था

बिलासपुर। रायपुर-बिलासपुर हाइवे स्थित भोजपुरी टोल नाके में पुलिस, प्रशासन और समाजसेवियों की मानवीय पहल से अपने घरों की ओर लम्बी यात्रा पर जा रहे थके-हारे, भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिल रही है। बिलासपुर के युवा, व्यापारी व समाज के विभिन्न वर्गों के लोग प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन-रात एक कर इनकी मदद कर रहे हैं। बिलासपुर के पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा इस व्यवस्था की देखभाल स्वयं कर रहे हैं।

लॉकडाउन में फंसे उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के निवासी मजदूर रोज बड़ी संख्या में रायपुर बिलासपुर मार्ग से अपने घरों की ओर बढ़ रहे हैं। रास्ते में होने वाले इनकी तकलीफों को दूर करने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन एवं समाजसेवी अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी सहायता कर रहे हैं।

बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर स्थित भोजपुरी टोल नाका में 24 घंटे मजदूरों के लिए भोजन-पानी का इंतजाम किया गया है। यहां से गुजरने वाले श्रमिकों के विश्राम के लिए पंडाल लगाया गया है। यहां पर दो हजार से अधिक लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाया जा रहा है। विगत एक सप्ताह में करीब 15 हजार मजदूरों को भोजन कराया गया। पुलिस विभाग द्वारा उनके लिये चावल व सब्जियां उपलब्ध कराई जा रही है। प्रतिदिन 150 बोरी पानी पाउच का इंतजाम भी किया जा रहा है। बच्चों के लिए ग्लूकोज, ओआरएस घोल, चॉकलेट, बिस्कुट की व्यवस्था भी रखी जाती है। जो मजदूर मास्क नहीं पहने होते हैं उन्हें मास्क दिया जा रहा है।

पैदल जा रहे मजदूरों के पैरों को आराम देने के लिए चरण पादुका दी जा रही हैं। जरूरत के अनुसार उनके लिए वाहन व्यवस्था भी कराई जाती है। एक श्रमिक का कहना है कि वे बहुत लम्बी यात्रा करके आ रहे हैं। रास्ते में उन्हें खाने-पीने की बहुत समस्या हुई लेकिन भोजपुरी नाके जैसी व्यवस्था कहीं नहीं थी यहां उन्हें भरपेट भोजन मिला।

पुलिस आईजी काबरा के मार्गदर्शन में युवा परिषद् के ऋषम शर्मा व तौसीफ खान, विशडम ट्री फाउन्डेशन के अभिजीत भट्टाचार्य, आशीष भोंसले आदि तथा व्यापारी और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उत्साह से सेवा कार्य में लगे हुए हैं और संकट की इस घड़ी में मजदूरों को राहत दे रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि जब तक श्रमिकों को जरूरत है हम उनकी सेवा करते रहेंगे और उन्हें भोजन कराते रहेंगे।

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