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नगर निगम को वेतन बांटने के लाले पड़े बिगड़ी हालत सुधारने जमीन बेचने की तैयारी, शुरूआत व्यापार विहार से

नगर निगम कार्यालय, विकास भवन।

बिलासपुर, 8 जुलाई। नगर निगम बिलासपुर अपनी माली हालत सुधारने अब अपनी जमीन बेचने की तैयारी में है। इसके लिए व्यापार विहार सहित अन्य जगहों पर जमीन तय की जा रही है। नगर निगम की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि प्लेसमेंट में रखे गए कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं है।
नगर निगम ने व्यापार विहार स्थित साढ़े 12 बाई 30 के 31 प्लॉट तथा 20 बाई 50 के 20 प्लॉट की बिक्री के लिए टेंडर जारी किया। प्लॉट की कीमत टेंडर में तय होगी। वर्तमान में वहां की जमीन की न्यूनतम दर 4500 रूपए प्रति वर्ग फुट है। इस हिसाब से तकरीबन 14 करोड़ का प्लॉट बेचने की तैयारी है। यह जमीन बिलासपुर विकास प्राधिकरण के समाप्त किये जाने के कारण मिली है।
प्लेसमेंट में पंप ऑपरेटर, डाइवर, सफाई तथा अन्य कार्यों में 600 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनको हर माह डेढ़ करोड़ रुपये वेतन का भुगतान करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त निगम का स्थापना व्यय 5.30 करोड़ मासिक है। अफसर और स्टॉफ के वेतन पर ही 3.30 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। निगम के पास इतनी आय नहीं हो कि वह अपने स्थपना व्यय का इंतजाम कर सके। बिजली का बिल गत वर्ष से नहीं पटा। अब तक 70 करोड़ का बकाया है। निगम की मौजूदा परिषद ने व्यापार विहार की जमीन बेचने का निर्णय लिया है। इस आशय का प्रस्ताव विधिवत मेयन इन कौंसिल में रखा जाएगा। इन पैसों का निगम क्या करेगी? यह अभी पता नहीं क्योंकि निगम के पास कई बड़े प्रोजेक्ट हैं, जिनकी घोषणा बजट प्रस्ताव में की गई है।
नगर निगम के व्यापार विहार में ही गैस गोदाम तथा त्रिवेणी सभागृह के पीछे रेलवे के पास 56200 वर्ग फुट जमीन बेचने का इरादा बनाया है। इसके लिए आयुक्त ने बाजार मूल्य निर्धारित करने का जिम्मा तीन लोगों की कमेटी को दिया है। इसमें अपर आयुक्त राकेश जायसवाल, उपायुक्त लाल अजय बहादुर एवं एई गोपाल सिंह ठाकुर शामिल है। बाजार मूल्य प्लॉट की तुलना में कम है, परंतु इसी दर से अनुमान लगाएं तो यह 22 करोड़ से अधिक की होगी। संपदा प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि प्लॉट और भूखंड की बिक्री के लिए एमआईसी से निर्णय लिया जाएगा।

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