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जेल प्रशासन का पहले दिल जीता, फिर मौका देखकर फरार हो गया आजीवन कारावास भोग रहा कैदी 

सेंट्रल जेल बिलासपुर।

बिलासपुर। केंद्रीय जेल बिलासपुर से एक कैदी गौशाला में पेंटिंग बनाने के नाम पर गया और मौका देखते ही वहां से फरार हो गया। घटना के 2 दिन बाद भी उसका पता नहीं चल सका है।

रायगढ़ जिले के छाल निवासी सत्यम दास महंत को नाबालिग के अपहरण और रेप के मामले में सजा हुई थी। केंद्रीय जेल बिलासपुर में वह सन 2016 से आजीवन कारावास भोग रहा था। अपने चाल चलन और आचरण से वह जेल प्रबंधन के भरोसेमंद कैदियों में शामिल हो गया था। उसे जेल के बाहर और भीतर जरूरत के अनुसार काम पर लगाया जाता था। कैदी सत्यम दास को अच्छी पेंटिंग भी आती है। केंद्रीय जेल में जगह-जगह उससे पेंटिंग बनवाई गई है। दीपावली पर लगातार दीवारों पर पेंटिंग बनाने का काम उसे दिया गया था। 6 नवंबर को बा जेल परिसर स्थित गौशाला में पेंटिंग बनाने के लिए गया था।
शाम को 6 बजे जब कैदियों की गिनती हुई तो उनकी संख्या एक कम थी। इससे जेल में हड़कंप मच गया। थोड़ी देर में पता चल गया कि सत्यम महंत गौशाला के रास्ते जेल से फरार हो चुका है। जेल प्रहरी और दूसरे अधिकारी कर्मचारी पहले तो उसकी जेल के बाहर, आसपास तलाश करते रहे। उसके नहीं पाए जाने पर सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। घटना के 48 घंटे बाद भी कैदी का पता नहीं चला है।

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