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कोविड-19 गाइडलाइन के साथ हवाई सेवा के लिये अखंड धरना फिर प्रारंभ

हवाई सेवा के लिये बिलासपुर में अखंड धरना पुनः प्रारंभ।

महानगरों के लिये उड़ान शुरू होते तक आंदोलन जारी रहेगा- समिति

बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने राघवेंद्र राव सभा भवन प्रांगण में आज सुबह फिर से धरना प्रारंभ किया। समिति ने कहा कि बिलासपुर से महानगरों से हवाई सेवा शुरू होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

गत वर्ष 26 अक्टूबर को ही दीपावली के दूसरे दिन अखंड धरना आंदोलन प्रारंभ हुआ था, जो लगातार 150 दिन 23 मार्च तक चला। इसे कोरोना लॉकडाउन के कारण स्थगित किया गया था। समिति ने बताया कि 1 वर्ष में जन आंदोलन के दबाव और विभिन्न जनहित याचिकाओं पर उच्च न्यायालय के दिशानिर्देश तथा छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 27 करोड़ की राशि से बिलासपुर हवाई अड्डे को थ्री सी श्रेणी में बदलने का कार्य प्रगति पर है और इसके शीघ्र पूर्ण होने की संभावना है। केंद्र सरकार द्वारा बिलासपुर से पहली उड़ान के रूप में बिलासपुर से भोपाल उड़ान की मंजूरी दी गई है। उक्त मंजूरी पर्याप्त नहीं है। बिलासपुर से मुख्य रूप से कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, बेंगलुरु व चेन्नई उड़ान की मांग है। भोपाल तक जाने वाले यात्रियों की तुलना में महानगरों के लिए यात्रियों की संख्या कहीं अधिक है। इसलिए बिलासपुर से महानगरों तक हवाई उड़ान मंजूर किया जाना आवश्यक है। इसी तरह वर्तमान बिलासपुर एयरपोर्ट के रनवे को पंद्रह सौ मीटर से बढ़ाकर 2500  से 3000 मीटर किया जाना आवश्यक है क्योंकि तभी एयर बस और बोइंग हवाई जहाज उतर सकते हैं। वर्तमान में यहां पर एटीआर और बम्बाडियर विमानों का संचालन हो सकता है। चकरभाठा एयरपोर्ट से लगी हुई आर्मी के लिये अधिग्रहित की गई 1012 एकड़ भूमि बेकार पड़ी है इसमें से 150 से 200 एकड़ भूमि का आवंटन आवश्यक है, तभी बिलासपुर एयरपोर्ट को 4 सी श्रेणी का लाइसेंस मिल सकेगा। समिति के सदस्यों ने कहा कि धरना आंदोलन प्रतिदिन कोविड 19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए चलाया जाएगा। आज के आंदोलन में देवेंद्र सिंह बाटू, रामा बघेल, अशोक भंडारी, कमल सिंह ठाकुर रॉकी माली अंकित, मौसीन अली, शहबाज अली और सुदीप श्रीवास्तव ने भाग लिया।

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