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जामगांव स्टील प्लांट में देरी से जन-सुनवाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज

बिलासपुर हाईकोर्ट

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एमएसपी स्टील एंड पॉवर लिमिटेड जामगांव, रायगढ़ की जन-सुनवाई पर जारी स्थगन को रद्द करते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल की जनहित याचिका खारिज कर दी है।

पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश अ्ग्रवाल की 26 अक्टूबर 2021 को दायर याचिका में कहा गया था कि जन-सुनवाई अधिसूचना जारी होने के 45 दिन के भीतर होनी चाहिए। पूर्व में प्लांट की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये जन-सुनवाई 15 सितंबर की तिथि तय की गई थी, जिसे बिना कारण बताए स्थगित करने की सूचना 14 सितंबर को दी गई। प्रावधान है कि यदि राज्य का प्रदूषण नियंत्रण मंडल सुनवाई नहीं करा पाता है तो केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय या अन्य किसी एजेंसी से निर्धारित अवधि में सुनवाई करानी चाहिये। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 17 नवंबर 2021 को पुनः प्रस्तावित जन-सुनवाई पर स्टे लगा दिया था और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

राज्य शासन की ओर से कहा गया कि यह याचिका एनवारमेंट इंपेक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन 2008 के 7.1 का उल्लेख करते हुए दायर की गई है, जिसमें प्रावधान है कि जन सुनवाई 45 दिन के भीतर होनी चाहिये। बिंदु 7.2 में विवेचना की गई है कि केंद्र सरकार कैटेगरी ए के प्रोजेक्ट की जन सुनवाई निर्धारित कर सकती है, यदि राज्य सरकार 45 दिन के भीतर सुनवाई नहीं कर पाती है। इसी नोटिफिकेशन के बिंदु 3.3 में प्रावधान है कि यदि कोई आकस्मिक, अप्रिय या आपातकालीन स्थिति पैदा होती है तो 45 दिन की तय समयावधि को बढ़ाया जा सकता है। राज्य व केंद्र सरकार के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डबल बेंच ने जनहित याचिका निरस्त कर दी।

शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मीना शास्त्री व केंद्र सरकार की ओर से रमाकांत मिश्रा व अन्य ने पैरवी की।

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