Home अपडेट राजभाषा सप्ताहः रेलवे से समझिये सरकारी कामकाज की ‘सरल-हिन्दी’ कैसी होती है….

राजभाषा सप्ताहः रेलवे से समझिये सरकारी कामकाज की ‘सरल-हिन्दी’ कैसी होती है….

निबंध, टिप्पण, आलेखन और वाक् प्रतियोगिता रखी गई…

अधिकारिक हिन्दी, राजभाषा के कई शब्द आपको चौंका सकते हैं। वे आम बोलचाल में शामिल नहीं हैं। हो सकता है आप केन्द्रीय विभागों की इन शब्दावलियों को अमूमन इस्तेमाल में न लाते हों पर थोड़ा प्रयास करके आशय को समझ सकते हैं।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में महाप्रबंधक के निर्देश पर राजभाषा सप्ताह मनाया जा रहा है। 14 सितंबर से यह शुरू हो चुका है जो 20 सितंबर तक चलेगा। इस सिलसिले में रेल कर्मियों के लिए हिन्दी ‘आलेखन-टिप्पण’ और निबंध की प्रतियोगिता रखी गई। इस प्रतियोगिता में दैनिक सरकारी कामकाज की शब्दावली, अनुवाद तथा टिप्पणी तथा ‘राजभाषा-विषयक’ प्रश्नों को शामिल किया गया। हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता में ‘रेल कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी की सार्थकता’ विषय रखा गया था। इस मौके पर मुख्य राजभाषा अधिकारी एएस वानखेड़े जो प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक भी हैं, ने सरकारी कामकाज सरल हिन्दी में करने का संदेश दिया।

इसके बाद दूसरी पाली में हिन्दी ’वाक्’ प्रतियोगिता रखी गई। इसमें ‘समाज सुधार में मीडिया की भूमिका’ तथा ‘ रेल यात्रियों के लिए राजभाषा हिन्दी की महत्ता’ विषय पर विचार रखे गए। वानखेड़े ने उपस्थित प्रतियोगियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम अच्छी पहल है। इससे हमें हिन्दी में सरकारी कामकाज करने की प्रेरणा मिलती है। आप सरल हिन्दी में अपने विचार रखें। इस मौके पर राजेश पी. खांडे, पीकेबी मेश्राम व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। निर्णायकों में अधिकारीगण डी. सी. मंडल व संतोष कुमार शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी विक्रम सिंह ने किया। 20 सितंबर को विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

आपको पता हो, पर बता दें- टिप्पण का मतलब टिप्पणी, व्याख्या या टीप है। वाक् का मतलब वाक्य, वाक्यांश या वचन तथा आलेखन का मतलब ड्रॉफ्टिंग या रचना है।

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