Home अपडेट स्काई हॉस्पिटल संचालक 16 चेक, स्टाम्प व कोरे कागज पर दस्तखत देकर...

स्काई हॉस्पिटल संचालक 16 चेक, स्टाम्प व कोरे कागज पर दस्तखत देकर खुद को छुड़ा पाये  

स्काई हॉस्पिटल संचालक प्रदीप अग्रवाल अपहरण से छूटने के बाद पुलिस के साथ।

अगवा करने के आरोपी डॉक्टरों की तलाश में पुलिस कर रही मुरादाबाद में छापेमारी

बिलासपुर। स्काई हॉस्पिटल के संचालक प्रदीप अग्रवाल का अपहरण उनके साथ काम कर चुके मुरादाबाद के दो डॉक्टरों ने कोविड-19 के दौरान हुई कमाई का हिस्सा लेने के लिए किया था। सुराग मिलते ही बिलासपुर पुलिस ने यूपी मुरादाबाद पहुंचकर आरोपियों के ठिकानों पर तलाश शुरू कर दी थी, तब आरोपी अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़कर भाग गए।
Pradeep Agrawal, Director Sky Hospital Bilaspur

एएसपी उमेश कश्यप ने आज शाम पत्रकारों को बताया कि 19 सितंबर कि रात 10:40 बजे स्काई हॉस्पिटल के मैनेजर राकेश गर्ग ने सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि हॉस्पिटल के डायरेक्टर प्रदीप अग्रवाल शाम 4-5 बजे अपनी कार फोर्ड फिगो में बैठकर बिना बताए कहीं चले गए हैं। रात 7 बजे एक अज्ञात व्यक्ति प्रदीप अग्रवाल की कार लेकर हॉस्पिटल पहुंचा और स्टाफ से चेक बुक मांग कर ले गया। उसने कार को चाबी लगी हालत में अस्पताल में ही छोड़ दिया। इसके बाद से अग्रवाल का मोबाइल फोन बंद है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। सरकंडा थाना तथा साइबर सेल के अधिकारियों की अलग-अलग टीम तलाशी के लिए बनाई गई। इस दौरान अस्पताल तथा आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे का अवलोकन किया गया और अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ की गई। पता चला कि पूर्व में अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर शैलेंद्र मसीह, डॉक्टर मो. आरिफ और टेक्नीशियन फिरोज खान के साथ डायरेक्टर का पैसों के लेनदेन की बात पर विवाद था। दोनों डॉक्टरों की भर्ती प्रशिक्षु के रूप में कोरोना काल के दौरान एक प्लेसमेंट एजेंसी की मदद से की गई थी। वे अपनी तनख्वाह के अलावा कोरोना काल में हुई आमदनी का कमीशन मांगते थे। इस पर दोनों को अग्रवाल ने नौकरी से हटा दिया था। दोनों डॉक्टर मूल रूप से मुरादाबाद यूपी के रहने वाले हैं। इसका पता लगने पर एक टीम यूपी रवाना की गई। वहां पहुंचकर उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई मगर प्रदीप अग्रवाल और अगवा करने वाले डॉक्टरों का पता नहीं चला।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों को छापेमारी तथा अस्पताल के स्टाफ द्वारा सुराग दिये जाने की जानकारी मिल गई। इसके बाद वे घबरा गये। इसके बाद कल 20 सितंबर की रात करीब 12 बजे उऩ्होंने प्रदीप अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतार दिया और भाग गए। अग्रवाल ने एयरपोर्ट पहुंचने के बाद अपने घर वालों तथा बिलासपुर पुलिस से संपर्क कर इसकी सूचना दी। आज सुबह प्रदीप अग्रवाल फ्लाइट से रायपुर पहुंचे। उन्हें बिलासपुर लाया गया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।

अग्रवाल ने बताया कि हॉस्पिटल से निकलने के बाद वे मोपका के एक सैलून में गये थे। जब वहां से नीचे उतर रहे थे तब दोनों आरोपी डॉक्टर, टेक्नीशियन फिरोज और उनके दो साथी रिजवान और आलम ने मिलकर उनको जबरन डरा-धमका कर अपनी गाड़ी में बिठा लिया। वे उसे मोपका बाईपास होते हुए रतनपुर- कोटा मोड़ पर ले गए। उन्होंने जान से मारने की धमकी दी और मारपीट की। इसके बाद स्टाफ को फोन कराया और अस्पताल से चेकबुक मंगाया। सड़क के रास्ते ही उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर आरोपी शहडोल के रास्ते 1000 किलोमीटर दूर मुरादाबाद ले गए और वहां पैसे की मांग करते रहे। उन्होंने अग्रवाल से मंगाये गये चेकबुक के 16 पन्नों पर हस्ताक्षर करवाया और उसे अपने पास रखा। एक स्टाम्प पेपर भी उन्होंने रखा था जिसमें तैयार इकरारनामा पर हस्ताक्षर कराये। कुछ कोरे कागजात में भी उन्होंने हस्ताक्षर लिये। इस बीच पुलिस के सक्रिय हो जाने पर उन्होंने मुरादाबाद से निकलकर 4 घंटे की दूरी तय की और रात में दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़ दिया।

पुलिस ने बताया है कि आरोपियों के खिलाफ अपहरण का अपराध पंजीबद्ध किया गया है और उनके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

NO COMMENTS