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कोरोना के बाद की नेशनल लोक अदालतें सफल , 5303 प्रकरणों का निराकरण, 50 करोड़ का सेंटलमेंट

नेशनल लोक अदालत, बिलासपुर, छत्तीसगढ़।

बिलासपुर। कोरोना संक्रमण काल के बाद पहली बार रखी गई राष्ट्रीय लोक अदालत में आज छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट और निचली अदालतों में पांच हजार तीन सौ से ज्यादा मामलों का आपसी राजीनामे से निपटारा हो गया। समझौते के रूप में पक्षकारों के पास लगभग 50 करोड़ रुपयों का भुगतान भी किया जायेगा।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देश पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाईकोर्ट और प्रदेशभर की निचली अदालतों में आज किया गया। इसके लिये हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरपी रामचंद्र मेनन और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देश पर न्यायालयों में जरूरी तैयारियां की गई थीं।

पहली बार नेशनल लोक अदालत में स्वयं उपस्थिति के अलावा वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से भी बहस की अनुमति दी गई थी।

आज की नेशनल लोक अदालत में  कुल 5303 मामलों का निराकरण किया गया। इनमें 49 करोड़ 65 लाख 96 हजार 762 रुपये के अवार्ड पारित किये गये।

लोक अदालतों में सबसे ज्यादा मोटर दुर्घटना दावा के मामले निपटे। इसके अंतर्गत कुल 594  प्रकरणों पर समझौता हो गया और  कुल 27 करोड़ 58 लाख 72 हजार 194 रुपये के भुगतान का आदेश पारित किया गया। मोटर दावा दुर्घटना के अंतर्गत दांडिक मामले तीन हजार 262 निपटाये गये।

प्रदेशभर की नेशनल लोक अदालतों में 153 पारिवारिक मामलों और 536 चेक बांउस के मामलों का भी निराकरण किया गया।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में सर्वाधिक 913 मामले जिला न्यायालय रायपुर में निपटाये गये। इसके बाद बिलासपुर का स्थान था, जहां 699 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला न्यायालय दुर्ग में 539 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

छत्तीसगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण के विधिक सेवा अधिकारी शशांक शेखर दुबे ने कहा कि नेशनल लोक अदालत सफल रही और अपेक्षा के अनुरूप प्रकरणों का निराकरण हुआ।

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