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निलम्बित एडीजी सिंह का आरोप-राजनीतिक द्वेष में फंसाया गया, हाईकोर्ट से अंतरिम व सीबीआई जांच की मांग

बिलासपुर। निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेपी सिंह ने एसीबी, ईओडब्ल्यू और पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच तथा अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अंतरिम राहत की मांग की है।

यह याचिका आज दोपहर दाखिल की गई है जिसके लिये बेंच और सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है। याचिका में सिंह ने कहा है कि उनके विरुद्ध छापेमारी और राजद्रोह का मुकदमा इसलिये दर्ज किया गया है क्योंकि उन पर अनुचित दबाव डालकर कुछ कार्रवाई करने के लिये दबाव डाला जा रहा था, जिसके लिये वे तैयार नहीं हुए। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिये एसीबी और पुलिस का इस्तेमाल किया गया है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिये कार्रवाई की सीबीआई जांच होनी चाहिये।  उन्होंने अपने विरुद्ध दर्ज एफआईआर पर भी अंतरिम राहत मांगी है।

उल्लेखनीय है कि एसीबी और ईओडब्ल्यू ने एक जुलाई से लेकर लगातार एक सप्ताह उनके रायपुर स्थित सरकारी बंगले सहित 15 ठिकानों पर छापा मारा। छापेमारी में जांच एजेंसियों को उनके पास से 10 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित सम्पत्ति का पता चला। सिंह की मुसीबत तब बढ़ गई जब उनके सरकारी बंगले के गटर से एसीबी ने उनकी हैंडराइटिंग से लिखी गई डायरी के पन्ने, पेन ड्राइव तथा चिट्ठियां बरामद की। एसीबी ने फटी हुई डायरी के पन्नों और पत्रों को जोड़ने के बाद पाया है कि वे राज्य के खिलाफ साजिश कर रहे थे। इसके बाद कोतवाली रायपुर में उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। डायरी में पूर्व मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में, अधिकारियों की संपत्ति के खुलासे हैं और बस्तर में हिंसा से सम्बन्धित जानकारी है।

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