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हवाई सेवा विस्तार के लिए जरूरी सेना से जमीन वापसी की प्रक्रिया राजस्व विभाग ने पूरी की

बिलासपुर में हवाई सेवा विस्तार के लिए आंदोलन जारी।

संघर्ष समिति ने नाइट लैंडिंग उपकरण लगाने की अनुमति देने की डीजीसीए से की मांग

बिलासपुर। बिलासा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए सेना को दी गई जमीन की वापसी के लिए राजस्व विभाग की ओर से फाइल तैयार कर ली गई है। अब शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा और केंद्र से जमीन वापसी की औपचारिकताएं पूरी की जाएगी।

हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के सदस्यों को यह जानकारी राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने दूरभाष पर दी। सदस्यों ने उन्हें जमीन वापसी का प्रकरण किस स्थिति में है, यह जानने के लिए संपर्क किया था। सदस्यों ने मंत्री अग्रवाल को धन्यवाद दिया।

समिति का महाधरना आंदोलन आज भी जारी रहा। इसमें इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू करने के लिए वर्तमान कब्जे के अलावा 300 मीटर आगे तक उपकरण लगाने की जरूरत पड़ेगी। एयरपोर्ट प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव डीजीसीए को भेज दिया है। जमीन का मसला सुलझने तक नाइट लैंडिंग के उपकरणों को लगाने के कार्य को न रोका जाए। यह जरूरी है कि डीजीसीए इसकी अनुमति दे।

आज आंदोलन में बद्री यादव, देवेंद्र सिंह ठाकुर, आनंद वर्मा, राकेश शर्मा, रणजीत सिंह खनूजा, राघवेंद्र सिंह, केशव गोरख, किशोरी लाल गुप्ता, समीर अहमद, संजय पिल्ले, महेश दुबे टाटा, अशोक भंडारी, सिध्दांशु मिश्रा, पंकज सिंह, नरेश यादव, संतोष पिपलवा, शाहबाज अली, अकील अली, अनिल गुलहरे, मोहसिन अली, चंद्र प्रकाश जायसवाल, भुट्टो राज, महेंद्र कुमार वर्मा, गोपाल दुबे, संतोष पिपलवा, रवि बेनर्जी, अभय नारायण राय और सुदीप श्रीवास्तव शामिल हुए।

 

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