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‘बेहतर शहर वह जहां सम्पन्न लोग भी सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करें’

यातायात सुरक्षा सप्ताह के उद्घाटन अवसर पर मंच पर उपस्थित कलेक्टर, आईजी व अन्य अधिकारी।

30वें यातायात सप्ताह का उद्घाटन

बिलासपुर। तीसवें सड़क सुरक्षा सप्ताह के उद्घाटन समारोह में जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि किसी शहर के बेहतरीन होने की पहचान यही है कि वहां की यातायात व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। इसके लिए यातायात नियमों के पालन की जिम्मेदारी नागरिकों की सर्वाधिक है।

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने कहा कि बेहतर शहर की पहचान वह नहीं है जहां सम्पन्न लोग अपनी कार में निकलें, बेहतर शहर वह है जहां बड़े लोगों के लिए भी अच्छी सार्वजनिक परिवहन की सेवा हो। उन्होंने ध्यान दिलाया कि हमें होटल मैनेजमेंट की शिक्षा तो मिल जायेगी पर यातायात प्रबंधन के लिए शिक्षा दिलाने वाले संस्थान नहीं मिलेंगे। यहां तक कि प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस कर्मचारियों को भी यह शिक्षा, प्रशिक्षण नहीं मिलता। इस पर विचार होना चाहिये।

इस मौके पर पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए अंग्रेजी के तीन ई अक्षरों का ध्यान रखना जरूरी है। एजुकेशन, इंजीनियरिंग और इन्फोर्समेंन्ट। यातायात नियमों की हमें जानकारी होनी चाहिए, सड़कें चौड़ी हों, मार्किंग हों, पैदल यात्रियों के लिए जगह हो, डिवायडर हो। दूसरे देशों में ट्रैफिक पुलिस बहुत कम दिखते हैं क्योंकि, जरूरी नहीं कि हम भयग्रस्त होकर ट्रैफिक नियमों का पालन करें बल्कि हमारे मन में यातायात नियमों के पालन की प्रवृत्ति हो।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने कहा कि कोई शहर कितना बेहतर है यह यहां से बाहर से आकर गुजरने वाले तय करते हैं। जब उन्हें शहर की सड़कें अच्छी लगे, सुगम तरीके से वे शहर से गुजरें तो उन्हें शहर अच्छा लगता है। यह आश्चर्यजनक और दुखदायक स्थिति है कि बीते साल बिलासपुर में हर दिन औसत एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई है। इसे कम या खत्म करने के लिए हमें यातायात सुविधा बेहतर बनाकर ही काम करना होगा।

 

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