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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिये सीयू तैयार, प्रक्रिया पर विचार के लिये वेबिनार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर गुरु घासीदास केन्द्रीय विवि में वेबिनार।

बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ, प्रबंध अध्ययन विभाग एवं कंप्यूटर साइंस तथा इंफर्मेशन साइंस विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर आज एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।

ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से आयोजित वेबिनार में संयोजक प्रो. बी.एन. तिवारी ने कहा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। आने वाले समय में हम इसे लागू करने में सफल होंगे।

कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विश्वविद्यालय में लागू करने का प्रयास हो रहा है।

प्रभारी कुलपति प्रो. अमित कुमार सक्सेना ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पूरी तरह से विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को केन्द्र में रखकर बनाई गई है। इस नीति में तकनीकी की अहम भूमिका है, जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, ऑनलाइन पाठ्यक्रम, ब्लेंडिंग मोड- ऑनलाइन व ऑफलाइन अध्ययन, विभिन्न डिजिटल माध्यमों का प्रयोग आदि शामिल है।

आईआईटी भिलाई के विशेष प्रशासनिक अधिकारी रिसोर्स पर्सन डॉ. बी.के. पाणिग्रही ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अंतिम रूप देने से पहले भारत सरकार ने सुझाव आमंत्रित किये थे जिस पर पंद्रह लाख से ज्यादा सुझाव सरकार को प्राप्त हुए। इसके अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा के साथ पाठ्येत्तर गतिविधियों, खेल को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति उच्च शिक्षा के साथ स्कूल शिक्षा से भी संबंधित है। यह नीति सभी विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान करने की पहल करती है। संपूर्ण विचार-विमर्श एवं सुझावों को अंगीकृत होने के बाद हमें यह नीति प्राप्त हुई है जिसके सफल क्रियान्वयन का दायित्व सभी शिक्षण संस्थानों का है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चार चरण है जिन्हें एक-एक करके क्रियान्वित किया जाएगा।

दूसरे सत्र में पूर्व प्राध्यापक एवं एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के विभागाध्यक्ष रिसोर्स पर्सन डॉ. जे.एस. सैनी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीतिको सभी के सुझावों एवं आवश्यकता के अनुरूप छात्र केन्द्रित बनाया गया है। इसके क्रियान्वयन में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शिक्षण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षक एवं शिक्षण व्यवस्था करना अहम् चुनौती है। विद्यालयीन शिक्षा को मजबूत बनाना, साथ ही अकादमिक क्रेडिट व्यवस्था को लागू किया जाना जिसके अतंर्गत एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाने पर विद्यार्थी के क्रेडिट ट्रांसफर की व्यवस्था हो एवं मल्टी एंट्री एवं एक्सिट विकल्प को सुलभ बनाना भी अहम कड़ी है। डॉ. सैनी ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिये।

वेबिनार के अंत में प्रबंध एवं वाणिज्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। वेबिनार का संचालन सहायक प्राध्यापक श्वेता सिंह व विनोद कुमार ने किया। वेबिनार में 95 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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