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शिकारियों के बम से सूअर का जबड़ा उड़ा, बहदवास होकर पत्रकार व 108 कर्मी पर किया हमला

जूना शहर (रतनपुर) में झाड़ियों के पीछे छिपे जंगली सूअर की तलाश।

घनी कंटीली झाड़ी में छिपे सूअर की तलाश कर रहे वन कर्मी

करगीरोड (कोटा )। घायल जंगली सूअर ने कवरेज करने गए पत्रकार और 112 कर्मी पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। रतनपुर क्षेत्र के जूना शहर जंगल किनारे में स्थित तालाब के पास शिकारियों ने शिकार के मकसद से बम लगाया हुआ था, जिसकी चपेट में आकर एक जंगली सूअर का जबड़ा उड़ गया। घटना में घायल बदहवास सूअर इधर-उधर भागने लगा, जिस पर कुछ ग्रामीण टंगिया लेकर उसे मारने पहुंचे थे । दूसरी ओर वहां मौजूद विकास कश्यप ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि उसने इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है, वह कभी भी आ सकती है इसलिए बेवजह ग्रामीण जंगली सूअर का शिकार करने के आरोप में वे पकड़े जाएंगे।

विकास कश्यप की समझाइश पर ग्रामीणों ने तो सुअर को छोड़ दिया लेकिन बदहवास जंगली सूअर वहीं झाड़ी में छुप कर बैठ गया। सूचना के बाद वन विभाग ने भी अपना क्षेत्र ना होने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने 112 को इसकी सूचना दी। 112 कर्मी राजेश मरावी और घटना की रिपोर्टिंग करने पत्रकार शिवम् सिंह राजपूत मौके पर पहुंचे। इस दौरान घबराए घायल जंगली सूअर ने उन दोनों पर ही हमला कर दिया । इससे उनके हाथ पैर और चेहरे पर चोटे  आई हैं। जंगली सूअर बुरी तरह घायल है, इसलिए वह खतरनाक बन चुका है और कभी भी ग्रामीणों पर हमला कर सकता है । सूचना के बाद भी पुलिस और वन विभाग इस मामले में पूरी तरह उदासीन नजर आ रहे हैं जिससे वहां बड़ी घटना घट सकती है। वन विकास निगम भैंसाझार के डिप्टी रेंजर अजय यादव का कहना है कि जंगल में केवाच  और कांटे बहुत ज्यादा है, जिसके चलते घायल जंगली सूअर को ढूंढने में काफी परेशानी हो रही है ।

 

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