बिलासपुर की दो घटनाओं ने पोल खोल दी स्वास्थ्य विभाग की

सचिव कह रहीं-108 की सेवाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया

बिलासपुर । कोरोना महामारी से बचाव में लगे होने का बहाना लेकर स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे गंभीर मरीजों की आपात कालीन सेवा 108 ने दूसरे गंभीर मरीजों को मदद करने से हाथ खींच लिया है। बिलासपुर में हाल ही में दो मामले आये जिसमें एक वृद्ध महिला को अस्पताल पहुंचाने से यह कहकर इन्कार कर दिया गया कि 108 की ड्यूटी इस समय सिर्फ कोरोना पीड़ितों के लिए है। दूसरे में आज सुबह सर्दी-खांसी के एक मरीज को यह कहकर अस्पताल पहुंचाने से मना कर दिया कि वह कोरोना पीड़ित होगा।

लॉक डाउन और कोरोना के चलते स्वास्थ्य विभाग पर इस समय अतिरिक्त जिम्मेदारी डाली गई है पर यह बाकी पीड़ित मरीजों को उनके हाल पर छोड़ देने का जरिया भी बना लिया गया है। महाराष्ट्र मंडल टिकरापारा निवासी मीरा पिल्लई (70 वर्ष) तीन दिनों से बीमार चल रही थीं। शुक्रवार को तबियत ज्यादा बिगड़ने पर परिवार के लोगों ने 108 को डायल लिया। आश्वासन के बावजूद एक घंटे तक एम्बुलेंस के नहीं पहुंची तो दुबारा फोन किया गया। दूसरी ओर से बताया गया कि सभी एम्बुलेंस सिर्फ कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं। कोरोना की पुष्टि होने पर ही एम्बुलेंस भेजा जायेगा। पीड़ित महिला का भाई लगातार लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा किन्तु कोरोना के भय से कोई सामने नहीं आया। रात को दो बजे कोतवाली पुलिस को फोन किया गया। पुलिस ने पेट्रोलिंग पार्टी भेजी लेकिन एम्बुलेंस की व्यवस्था वह भी नहीं कर पाई। पीड़ित परिवार रायपुर में पदस्थ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के परिवार से हैं। पिल्ले परिवार ने अपने परिचितों के माध्यम से रेलवे के अधिकारियों से मदद मांगी तब रेलवे की एम्बुलेंस से मरीज को अस्पताल पहुंचाया जा सका।

इसके ठीक उलट हुए वाकये में खूंटाघाट, रतनपुर के एक वृद्ध राकेश चौहान की शनिवार की रात तबियत बिगड़ गई। उनकी बेटी ने रात करीब दो बजे एम्बुलेंस के लिए फोन किया। एम्बुलेंस सुबह आई और बाहर खड़ी हो गई। उसने परिवार के लोगों से जानना चाहा कि क्या तकलीफ है? बताया गया कि सर्दी-खांसी है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। एम्बुलेंस बिना घर में घुसे और मरीज को देखे बिना वापस हो गई। एम्बुलेंस में बैठे स्टाफ ने कहा कि यह कोरोना वायरस का केस हो सकता है। यह एम्बुलेंस कोरोना मरीजों को लेकर जाने लायक नहीं है। पीड़ित मरीज के परिचित नंदकुमार कश्यप को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने रायपुर में अपने सम्पर्कों से बात की, तब रतनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक ने घर पहुंचकर उनकी तबियत देखी। मरीज को दवाएं दी गई है और अब उनकी हालत में सुधार भी है।

इस मामले में स्वास्थ्य सचिव व बिलासपुर जिले की प्रभारी सचिव निहारिका बारिक सिंह का कहना है कि 108 एम्बुलेंस की सेवा पूरे प्रदेश में पहले की तरह यथावत है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जिन मामलों के बारे में आप बता रहे हैं, मेरी जानकारी में नहीं है।

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