Home अपडेट भारतीयता को समझने के लिए बिरसा मुंडा को जानना जरूरी-प्रो. चक्रवाल

भारतीयता को समझने के लिए बिरसा मुंडा को जानना जरूरी-प्रो. चक्रवाल

बिरसा मुंडा, एक रेखाचित्र।

गुरु घासी दास केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम के महानायक बिरसा मुंडा की 146 वी जयंती पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि देश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। ऐसे में भारत भारतीयता और उनके जनजातीय समाज को समझने के लिए हमें बिरसा मुंडा के जीवन को जानना आवश्यक है। उनका जीवन पराक्रम और उच्च आदर्श नैतिक मूल्यों का संदेश देता है भारत के इतिहास में बदलाव करते हुए युवाओं तक असली नायकों की गाथा का प्रवाह होना चाहिए। उन्होंने इतिहास विभाग से कहा कि मुंडा की सामाजिकता. अहिंसा और धर्म समाज के सामने लाने के लिए वह संदर्भ ग्रंथ तैयार करें।

प्रमुख वक्ता के रूप में रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर सुदर्शन सिंह ऑनलाइन उपस्थित थे। उन्होंने मुंडा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके उलगुलान के ऐतिहासिक आंदोलन के साथ उनके भगवान कहे जाने तक के सफर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुंडा ने संदेश दिया था कि महारानी की सत्ता का अंत होना चाहिए। सूदखोर, साहूकारों और अंग्रेजों की अन्याय पूर्ण व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई जानी चाहिए।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ शैलेंद्र कुमार, सीएसआईटी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमित कुमार सक्सेना, जीव विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रोफेसर वीकेएसएल भास्कर व सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ की अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर मनीषा दुबे ने भी विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ रश्मि जायसवाल ने दिया। वेबिनार में लगभग 92 लोग शामिल हुए।

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